Vastu Shastra: जब हम अपना घर बनवाते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि उसका मुख्य दरवाजा सही दिशा में लगे। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार न केवल आपके लिए प्रवेश द्वार है, बल्कि आपके निवास की सभी सकारात्मक अच्छी ऊर्जाओं का भी प्रवेश द्वार है। यह संक्रमण क्षेत्र है जो घर के अंदर और बाहर को जोड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार की दिशा इस बात का संकेत देती है कि यहीं से घर में सौभाग्य और खुशियां प्रवेश करती हैं।
Vastu Shastra: घर के विभिन्न कमरों के लिए सही दिशाएँ
लिविंग रूम:
पूर्वमुखी (उत्तर-पूर्व) घर के लिए दरवाजा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। पश्चिम मुखी घर का प्रवेश द्वार उत्तर-पश्चिम दिशा (दक्षिण पूर्व) में होना चाहिए, जबकि दक्षिण मुखी घर का प्रवेश द्वार दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
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डाइनिंग रूम:
किचन और डाइनिंग रूम क्षेत्र को घर के दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पूर्व कोने में डिज़ाइन करें। दक्षिण दिशा में रसोईघर बनाने से बचें। वास्तु के अनुसार भोजन कक्ष पश्चिम यानि पश्चिम कोने में होना चाहिए।
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बच्चों का शयनकक्ष:
घर में बच्चों का कमरा डिजाइन करते समय आप पश्चिम, उत्तर, दक्षिण या पूर्व दिशा का चयन कर सकते हैं। हालाँकि, यदि इन दिशाओं में कोई स्थान खाली नहीं है तो दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा को भी चुना जा सकता है।
बाथरूम:
बाथरूम के लिए घर के उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर जगह चुनें। वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार की दिशा इस बात का संकेत देती है कि यहीं से घर में सौभाग्य और खुशियां प्रवेश करती हैं।
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