Shoes And Slippers Not Allowed: धर्मग्रंथों में कुछ ऐसी जगहों का जिक्र है जिन्हें मंदिर के समान पवित्र माना जाता है। इन जगहों पर जाने से पहले जूते-चप्पल उतारने पड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसी जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर जाने से ना सिर्फ दुर्भाग्य आपका साथ देने लगता है बल्कि बाहर की गंदगी भी अंदर प्रवेश कर जाती है, जिससे घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश कर जाती हैं।
Shoes And Slippers Not Allowed: आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में
मंदिर और पूजा स्थल
मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है इसलिए यहां जूते-चप्पल पहनकर जाने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं क्योंकि मंदिर को उनका स्थान माना जाता है। इसलिए बिना जूते-चप्पल पहने मंदिर या पूजा स्थल पर जाना सख्त मना है।
पवित्र नदी
भारत में कई पवित्र नदियाँ हैं, जिन्हें माँ का दर्जा प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि इन नदियों में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को शांति मिलती है। इसलिए पवित्र नदियों में स्नान करने से पहले जूते, चप्पल या चमड़े की वस्तुएं उतार देनी चाहिए और इन्हें पहनकर नदियों में प्रवेश नहीं करना चाहिए। जूते-चप्पल पहनकर नहाने से घर की सुख-शांति नष्ट हो जाती है और वाद-विवाद की स्थिति पैदा होती है।
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रसोईघर
मंदिर की तरह रसोई को भी पूजा का स्थान माना जाता है क्योंकि यहां भोजन और अग्नि दोनों का अपना स्थान होता है और इन्हें देवतुल्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि रसोई में जूते-चप्पल पहनने से अन्न की देवी यानी मां अन्नपूर्णा बहुत क्रोधित हो जाती हैं और अशुभ परिणाम देने लगती हैं।
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