Akshaya Tritiya: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया के त्यौहार का काफी महत्व है. अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. यह त्यौहार वैशाख महीने के तीसरे दिन मनाया जाता है. अक्षय तृतीया का मतलब होता है आनंद सफलता और समृद्धि में कोई कमी नहीं होना. इस दिन विधि विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर पूजा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इससे आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश भगवान विष्णु भगवान कृष्ण की भी विधि विधान से पूजा की जाती है. तो आईए जानते हैं क्या है इस त्यौहार का महत्व और क्यों मनाते हैं यह त्यौहार?
इस दिन गंगा मैया हुई थी धरती पर अवतरित (Akshaya Tritiya)
कहा जाता है कि अक्षय तृतीया भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह त्यौहार देश के अलग-अलग जगह पर परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है और कहा जाता है कि इसी दिन गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई थी. राजा भगीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित करने के लिए कई साल तक तब किया था इसके बाद पवित्र गंगा धरती पर अवतरित हुई. इस दिन गंगा में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
इस दिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा करना शुभ माना जाता है और गरीबों को खाना खिलाना चाहिए जिससे कि धन की कमी नहीं होती. इस दिन दान करने का काफी महत्व है और गरीबों की मदद करने का भी महत्व है. गरीबों की मदद करने से इस दिन माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. पूरे देश में यह त्यौहार अलग-अलग तरीके से उत्साह के साथ मनाया जाता है.
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