Basant Panchami 2024: देश भर में आज बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। यह पर्व माघ शुक्ल पंचमी तिथि को हर साल मनाया जाता है। बसंत पंचमी मां सरस्वती को समर्पित होता है, इस दिन विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से विद्या और ज्ञान का आर्शीवाद मिलता है। इस दिन सरस्वती पूजा के दिन भी सरस्वती स्त्रोत का जाप करना अनिवार्य है, साथ ही पूजा की जगह पर कोई पुस्तक, वाद्य यंत्र या कोई कलाकृती चाहिए। आज हम आपको बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे है। आइए जानते हैं….
बसंत पंचमी पर पूजन विधि
बसंत पंचमी पर जल्दी उठकर घर को पूरी तरह साफ करने के बाद पूजा की व्यवस्था करें। इस दिन स्नान करने से पहले हल्दी और नीम का लेप लगाना अनिवार्य है। नहाने के बाद सफेद या पीला कपड़ा पहनें। मां सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा को पवित्र स्थान पर रखें। माता सरस्वती की प्रतिमा या प्रतिमा के बगल में भगवान गणेश की मूर्ति अवश्य रखें। इस दिन पूजा वाली जगह पर कोई पुस्तक, वाद्य यंत्र या कलाकृती को स्थापित करें। इसके बाद एक साफ थाली या प्लेट को कुमकुम, हल्दी, चावल और फूलों से सजाकर भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करें। इसके साथ आप मां सरस्वती का मंत्र जाप करें या फिर आप मां सरस्वती की वंदना भी कर सकते हैं।
मां सरस्वती की वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
Basant Panchami: नौकरी चाहने वाले विद्यार्थी बसंत पंचमी के दिन जपे मां सरस्वती का यह मंत्र
सरस्वती माता की आरती
जय सरस्वती माता,
मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता…॥
जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
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