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Bhagwan Ka Bhog: भगवान का भोग बनाते समय आप भी तो नहीं करते ये गलतियां? प्रेमानंद महाराज से जानिए सही तरीका

Bhagwan Ka Bhog: स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भगवान का भोग बनाते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। एल्युमिनियम के पात्र में भोजन नहीं बनना चाहिए वरना भगवान नाराज हो जाएंगे।

Bhagwan Ka Bhog
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Bhagwan Ka Bhog : कोई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें भगवान का भोग बनाने का सही तरीका पता नहीं होता है। भगवान का भोग बनाते समय आपको कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए वरना अनर्थ हो सकता है। प्रेमानंद महाराज ने भोग बनाने का सही तरीका बताया है तो आईए जानते हैं इसके बारे में…

भगवान को कभी भी लोहे, स्टील, एल्युमिनियम या प्लास्टिक के पात्र में प्रसाद नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से पूजा में फल की प्राप्ति नहीं होती। भगवान का भोग हमेशा सोने चांदी तांबे या पीतल के पात्र में लगाना चाहिए। भोग लगाने के लिए मिट्टी या फिर लकड़ी के पात्र का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

भूलकर नहीं बनाए ऐसा प्रसाद ( Bhagwan Ka Bhog )

भगवान को चढ़ाए जाने वाला प्रसाद हमेशा सात्विक होना चाहिए। इसमें लहसुन, प्याज आदि का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि भगवान के भोग के लिए बनाई जाने वाली सामग्री में भूलकर भी तामसिक चीजें जैसे मांस-मदिरा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से भगवान रूस हो जाते हैं और हमारे जीवन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।

साफ सुथरा जगह पर तैयार करें प्रसाद

भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को बनाते समय साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। प्रसाद बनाते समय खुद तन-मन की सफाई और रसोई की अच्छी तरह से सफाई होनी चाहिए। प्रसाद हमेशा स्नान करके और साफ कपड़े पहन कर ही तैयार करना चाहिए।

केवल इन पात्रों में बनाएं प्रसाद

भगवान को कभी भी लोहे, स्टील, एल्युमिनियम या प्लास्टिक के पात्र में प्रसाद नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से पूजा में फल की प्राप्ति नहीं होती। भगवान का भोग हमेशा सोने चांदी तांबे या पीतल के पात्र में लगाना चाहिए। भोग लगाने के लिए मिट्टी या फिर लकड़ी के पात्र का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पूजा समाप्त होने के बाद भगवान के प्रसाद को लेकर लोगों में जरूर बांटना चाहिए। प्रसाद को देर तक मंदिर में नहीं छोड़ना चाहिए नहीं तो उसमें नकारात्मकता आ जाती है।

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