Bhai Dooj Tilak Ka Shubh Muhurat: पांच दिनों के पावन पर्व दिवाली की शरुआत धनतेरस से होती है जबकि इसका समापन भाई दूज के साथ खत्म होता है। वहीं इसके बाद छह दिनों के पावन महापर्व छठ की शुरुआत होती है। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के प्रतिक भाई दूज का पावन पर्व हर साल कार्तिक मास की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस पर्व की शुरुआत यमराज और उनकी बहन यमुना ने की थी। इसलिए इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक करती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को प्रेम स्वरूप उपहार भेंट करते हैं। आईये आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से विस्तार से जानते हैं भाई दूज पूजा विधि, शुभ मुहूर्त समेत तमाम बातों के बारे में…
भाई दूज पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj Tilak Ka Shubh)
इस साल भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा का पावन त्योहार एक ही दिन मनाया जा रहा है। भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वार 14 नवंबर 2023 को दोपहर 2:36 बजे से द्वितीया तिथि शुरू हो कर 15 नवंबर 2023 दोपहर 1:47 बजे तक रहेगा। 15 नवंबर बुधवार को उदया तिथि होने के कारण से भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। मुहूर्त के मुताबक बहनें राहुकाल को छोड़कर कभी भी अपने भाई को तिलक कर सकेंगी हैं। हालांकि ज्योतिष गणना के हिसाब से तिलक के लिए अतिशुभ मुहूर्त सुबह 6:44 से 09:24 बजे तक है। जबकि राहुकाल दोपहर 12:03 बजे से 01:24 बजे तक रहेगा।
तिलक करने की विधि (Bhai Dooj Tilak Vidhi)
भाई दूज मंत्र (Bhai Dooj Tilak Mantra)
भाई दूज पर बहनें भाई को टीका लगाते समय इस मंत्र को बोले-
गंगा पूजे यमुना को,
यमी पूजे यमराज को।
सुभद्रा पूजे कृष्ण को,
गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें,
फूले-फलें।।
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भाई दूज का महत्व
भाई दूज के बारे में स्कंद पुराण में विस्तार के चर्चा की गई है। स्कंद पुराण में बताया गया है कि, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन यमुना ने अपने घर में पूरे विधि विधान से पूजन कर अपने भाई यम यानी यमराज का स्वागत किया और उनके माथे पर तिलक अपने हाथों से भोजन कराया।इससे प्रसन्न होकर यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया कि जो भी भाई यम द्वितीया के दिन अपनी बहन से माथे पर टीका लगवाएगा और बहनों हाथों से भोजन ग्रहण करेगा उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।
भाई दूज के दिन इन 7 बातों का रखें खास ध्यान
- – भाई दूज के पावन पर्व की शुरुआत यमराज और उनकी बहन यमुना जी ने की थी, ऐसे में भाई और बहन दोनों यमराज और यमुना जी का ध्यान और पूजा करने के बाद भाई का तिलक करना चाहिए।
- – बहन को भाई को तिलक करने से पहले तक व्रत रखना चाहिए और तिलक करने के दौरान भगवान से भाई की लंबी आयु की प्रार्थना और कामना करनी चाहिए। तिलक करने के बाद ही बहनों को अपना व्रत खोलना चाहिए।
- – तिलक करने के बाद बहनें अपने हाथों से भाई का मुंह मीठा जरूर करांए। हर भाई को आज के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार अपनी बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।
- – भाई दूज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए और बहनों उनका पूरे मन से सत्कार करना चाहिए। अगर किसी कारण बस भाई उनके घर न आ सके तो बहने भाई के घर तिलक की सामग्री और सूखे नारियल जरूर भिजवाएं।
- – भाई दूज पर तिलक के दौरान भाई या बहन दोनों में से किसी को भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। दरअसल शास्त्रों में शुभ कार्यों के दौरान काले कपड़े पहनने की मनाही है।
- – भाई अपने सामर्थ्य के अनुसार जो भी उपहार दें उसे बहनों को प्रेम पूर्वक स्वीकार करना चाहिए और भूल कर भी भाई के उपहार का निरादर नहीं करनी चाहिए। वहीं भाई को भी पूरे मन और अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार बहन को उपहार देना चाहिए।
- – भाई दूज के दिन भाई और बहन को आपस में किसी तरह का विवाद नहीं करना चाहिए और न ही एक दूसरे को किसी तरह का कोई अपशब्द कहना चाहिए। अगर आपके और बहन के बीच किसी तरह का कोई झगड़ा या मनमुटाव है तो इस दिन उसे जरूर सुलझा लें।
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(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है। यहां केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)
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