
Chaiti Chhath 2025: बिहार में बड़े धूमधाम से छठ पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। हर साल दो बार छठ पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। पहले चैत्र में और दूसरा कार्तिक महीने में। इस साल चैती छठ का आरंभ 1 अप्रैल 2025 से हो रहा है। छठ पूजा में छठ माता की पूजा होती है और डूबते हुए सूर्य देव को अर्ध्य दिया जाता है।
बिहार में मुख्य रूप सें मनाया जाता है छठ पूजा का त्यौहार (Chaiti Chhath 2025)
छठ पूजा का त्योहार मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है। बिहार के साथ-साथ पूर्वांचल उत्तर प्रदेश झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी यह त्यौहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस त्यौहार में छठी मैया का पूजा किया जाता है।
छठ पूजा का डेट
नहाय-खाय (1 अप्रैल ): इस दिन व्रती पवित्र स्नान कर शुद्ध आहार ग्रहण करते हैं, जो व्रत की शुरुआत का प्रतीक है. परंपरागत रूप से, चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का सेवन किया जाता है.
खरना (2 अप्रैल ): व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और सूर्यास्त के बाद विशेष प्रसाद, जैसे गुड़ और चावल की खीर का सेवन करते हैं.
संध्या अर्घ्य (3 अप्रैल ): इस दिन व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. अहमदाबाद में सूर्यास्त का समय लगभग 6:57 पीएम होगा.
उषा अर्घ्य (4 अप्रैल ): उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होता है. अहमदाबाद में सूर्योदय का समय लगभग 6: 35 एएम होगा.
संतान प्राप्ति के लिए छठ पूजा के दिन करें यह उपाय
कई बार ऐसा होता है शादी के सालों बाद भी संतान की प्राप्ति नहीं होती ऐसे में आप छठी मैया की विशेष रूप से पूजा करें। छठ पूजा के दिन गरीबों को दान दें और साथ ही छठ घाट का साफ सफाई खुद करें। इस दिन निर्जला व्रत रखें और छठी मैया का प्रसाद खुद बनाएं। ऐसा करने से छठी मैया प्रसन्न होती हैं। छठी मैया के आशीर्वाद से सुनी गोद भर जाती है और संतान की प्राप्ति होती है।
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