Chhath Puja 2024 : छठ पूजा बिहार का महापर्व है। पहले तो यह त्यौहार बिहार तक ही सीमित था लेकिन आज पूरे देश सहित विदेशों में भी छठ पूजा ( Chhath Puja 2024 ) की धूम देखने को मिलती है।ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से अगर कोई छठ का व्रत रखता है तो व्रत करने वाले की सभी मनोकामना छठी मैया पूरी करती है।
जानिए कब है छठ पूजा ( Chhath Puja 2024 )
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर की देररात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 8 नवंबर की देररात 12 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा।ऐसे में 7 नवंबर, गुरुवार के दिन ही संध्याकाल का अर्घ्य दिया जाएगा और सुबह का अर्घ्य अगले दिन 8 नवंबर को दिया जाना है।
छठ के दौरान इन नियमों का करें पालन
छठ पूजा करने के लिए व्रती महिला या पुरुष को कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। नहाय खाय छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन सुबह उठकर नहा कर पूजा पाठ करना चाहिए उसके बाद बड़े ही नियम के साथ खाना बनाना चाहिए और शुद्धता का ख्याल विशेष रूप से रखना चाहिए। करना के दिन गुड और चावल की खीर बनाई जाती है और इसे व्रत करने वाली महिला या पुरुष कहते हैं उसके बाद इस खीर को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
छठ पूजा का प्रसाद
छठ पूजा के दिन प्रसाद का विशेष महत्व है। प्रसाद में फल नारियल गन्ना सुपारी सिंघाड़ा मूली और खास तौर पर आटे का ठेकुआ बनाया जाता है। ठेकुआ बनाने के लिए ध्यान रखें कि आता पूर्ण रूप से शुद्ध हो वरना छठ मैया नाराज हो जाएंगी।
छठ पर्व का इतिहास
हिंदू धर्म में छठ पर्व का इतिहास बहुत ही ज्यादा है। इस त्यौहार का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। इतिहासकारों का कहना है कि दानवीर कर्ण महाभारत काल में घंटे पानी में खड़े होकर सूर्य देव की उपासना करते थे और उन्हें फूल चढ़ाते थे। बाद में इसे ही छठ महापर्व के रूप में किया जाने लगा।