Home धर्म/ज्योतिष Chitragupta Puja: चित्रगुप्त पूजा पर बने ये संयोग, नोट कर लें शुभ...

Chitragupta Puja: चित्रगुप्त पूजा पर बने ये संयोग, नोट कर लें शुभ मुहूर्त, जानें- पूजा विधि, सामग्री लिस्ट समेत तमाम जानकारी

Chitragupta Puja: इस साल चित्रगुप्त पूजा का पावन त्योहार 15 नवंबर को है। इस दिन लोग देवताओं के लेखपाल कहे जाने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा आराधना करते हैं। मान्यता के मुताबिक ऐसा करने से जातक को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

Chitragupta Pooja

Chitragupta Puja 2023: दिवाली और गोवर्धन पूजा के बाद अब चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज की बारी है। इस साल भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा एक ही दिन पड़ने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। देवताओं के लेखपाल कहे जाने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस द्वितीया तिथि की शुरुआत 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से हो रही है और 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि 15 नवंबर को होने के कारण चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा। आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से विस्तार से जानते हैं चित्रगुप्त पूजा विधि, शुभ मुहूर्त समेत तमाम बातों के बारे में…

Chitragupta Pooja
Chitragupta Pooja

चित्रगुप्त की पूजा (Chitragupta Puja 2023) से होती है विष्णु लोक की प्राप्ति 

मान्यता के मुताबिक भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी की काया हुआ था और इन्हें देवताओं के लेखपाल भी कहा जाता है।चित्रगुप्त जी यमराज के बहनोई भी हैं। इनका विवाह यमराज की बहन यमी से हुआ है। वे साथ ही चित्रगुप्त यमराज के सहयोगी भी है। यमराज के सहयोगी होने के कारण भगवान चित्रगुप्त मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा भी रखते हैं। मान्यता है कि सच्चे कर्म करने और भगवान चित्रगुप्त की आराधना करने से जातक को मृत्यु के बाद विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें नरक का कष्ट नहीं झेलना पड़ता हैं।

कायस्थ समाज के आराध्य देव है भगवान चित्रगुप्त (Chitragupta Puja 2023)

चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व खास तौर से कायस्थ समाज और व्यापारी वर्ग के लोग मनाते हैं। कायस्थ समाज के लोग इन्हें अपना आराध्य मानते हैं और कलम-दावात की पूजा का भी विधान है। मान्यता के मुताबिकभगवान चित्रगुप्त की पूजा और स्मरण मात्र से जातक को कार्यों में उन्नति मिलती है औऱ बुद्धि में वृद्धि होती है। साथ व्यवसाय में भी बरकत बनी रहती है। इस दिन बिजनेस से जुड़े लोग भगवान चित्रगुप्त के सामने कारोबार का लेखा जोखा रखते हैं और अपने पुराने बही खाते को बंद कर नई खाता बही का प्रयोग शुरू करते हैं।

Chitragupta Pooja vidhi

भगवान चित्रगुप्त पूजा शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त की पूजा आराधना करने का विधान है। द्वितीया की शुरुआत आज 14 नवंबर को दोपहर 2.36 दोपहर से हो रही है जो कि 15 नवंबर दोपहर 1:45 बजे पर समाप्त होगी। ऐसे में 15 नवंबर को उदया तिथि होने के कारण चित्रगुप्त मनाया जाएगा। पूजा का सुबह का मुहूर्त 10.48 बजे से दोपहर 12.13 बजे तक है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.50 बजे से दोपहर 12.36 बजे तक है। जबकि अमृत काल मुहूर्त शाम 5.00 बजे से 6.36 बजे तक है। वहीं राहुकाल का समय दोपहर 3.03 बजे से शाम 4.28 बजे तक है।

पूजन का मुहूर्त शुरू: सुबह 6.51 बजे से 9.10 बजे तक
पूजन का मुहूर्त समाप्त: दोपहर 1 बजे से 2.32 बजे तक।

यह भी पढ़ें- Happy Chitragupta Puja Wishes: इन 10 मैसेज और शायरी से अपनों को दें चित्रगुप्त पूजा की शुभकामना और बधाई

भगवान चित्रगुप्त पूजा मंत्र

मसीभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम् ! महीतले
लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते…
चित्रगुप्त ! मस्तुभ्यं लेखकाक्षरदायकं .
कायस्थजातिमासाद्य चित्रगुप्त ! नामोअस्तुते

भगवान चित्रगुप्त पूजा सामग्री 

चित्रगुप्त भगवान की पूजा के लिए कागज, कलम, इंक, कपूर, तुलसी का पत्ता, मिठाई, शहद, एक कपड़ा, पीली सरसों, गंगाजल, पान, तिल, गुलाल, फल, फूल, रोली, अक्षत, चंदन आदि की जरूरत होती है।

भगवान चित्रगुप्त पूजा विधि 

प्रात: काल नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान करने और स्वच्छ वस्त्र पहनने के बाद भगवान चित्रगुप्त पूजा के लिए लकड़ी चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। इसके बाद इसपर भगवान चित्रगुप्त जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद चित्रगुप्त जी की प्रतिमा के सामने कापी, किताब और कलम रखें। एक सफेद कागज पर हल्दी लगाएं और उसपर ‘श्री गणेशाय नमः’ मंत्र लिखें। कागज के नीचे अपना नाम, पता और तारीख लिखें जबकि कागज के दूसरे तरफ अपने खर्चों का विवरण लिखें। इसके बाद कागज पर 11 बार ‘ऊँ चित्रगुप्ताय नमः’ मंत्र लिखें। इसके बाद भगवान चित्रगुप्त को फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित कर विधि-विधान से उनका पूजा-अर्चना और ध्यान करें। पूजा के बाद कलम को उठाकर अपने पास रख लें और इसका उपयोग करें।

यह भी पढ़ें- Happy Bhai Dooj Wishes Messages: इन टॉप 15 मैसेज, कोट्स, शायरी और शुभकामनाओं से अपनों को दें भाई दूज की बधाई

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है। यहां केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)

 

 

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें, Twitter और Kooapp पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें।

Exit mobile version