Covered Head During Worship: हिंदू धर्म में पूजा करते समय सिर ढकने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी पूजा के दौरान अपने सिर को रुमाल से ढकते हैं। इतना ही नहीं, जब महिलाएं किसी के पैर छूती हैं, तो भी वे अपने सिर को साड़ी या दुपट्टे से ढकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर ढकने के पीछे क्या कहानी है? आइए जानते हैं पूजा के दौरान सिर ढकने के पीछे की धार्मिक मान्यता-
पूजा के दौरान सिर ढकने का कारण
- शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य का मन चंचल होता है। ऐसे में सिर ढकने से उसका पूरा ध्यान पूजा पर रहता है और ध्यान भटकता नहीं है।
- शास्त्रों के अनुसार, हर किसी के आसपास सबसे ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा होती है। जो बालों के जरिए व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती है। इसलिए पूजा के दौरान बालों को ढका जाता है ताकि व्यक्ति के मन में सिर्फ सकारात्मक विचार ही आएं।
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- माना जाता है कि आसमान से कई तरंगें निकलती हैं। ऐसे में अगर पूजा करते समय सिर खुला रहता है तो आकाशीय विद्युत तरंगें सीधे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती हैं, जिससे व्यक्ति को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- कई लोगों को बाल झड़ने या रूसी की समस्या होती है। ऐसे में सिर को ढकना उचित रहता है। नहीं तो ये पूजा सामग्री में गिरकर उसे अशुद्ध कर देंगे।
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