
Dev Deepawali 2025: दिवाली के कुछ दिनों बाद आने वाला देव दीपावली हिंदू धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक है। इसे देवों की दिवाली भी कहा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन वाराणसी के घाटों पर दीपों की रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठता है।
कब है देव दीपावली 2025?
पंचांग के अनुसार, देव दीपावली 2025 इस वर्ष 14 नवंबर (शुक्रवार) को मनाई जाएगी। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा की तिथि सुबह से आरंभ होकर रात तक रहेगी। गंगा घाटों पर लाखों दीप जलाकर देवताओं का स्वागत किया जाएगा।
देव दीपावली का धार्मिक महत्व (Dev Deepawali 2025)
पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने असुर त्रिपुरासुर का वध किया था। देवताओं ने उनकी इस विजय के उपलक्ष्य में दीप जलाकर दिवाली मनाई। तभी से इस दिन को देव दीपावली कहा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन सभी देवता गंगा तट पर उतरते हैं और गंगा स्नान करते हैं। इसलिए, इस दिन गंगा स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है।
वाराणसी की देव दीपावली की भव्यता
वाराणसी की देव दीपावली विश्व प्रसिद्ध है। गंगा के घाटों पर लाखों दीपों की रोशनी से पूरी काशी जगमगा उठती है। दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी घाट और राजघाट पर दीपों की पंक्तियाँ स्वर्गिक दृश्य प्रस्तुत करती हैं।संध्या समय गंगा आरती, मंत्रोच्चार और भजनों की गूंज से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
इस दिन किए जाने वाले प्रमुख कार्य
- ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान और सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
- घरों, मंदिरों और घाटों पर दीप जलाना चाहिए।
- भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- जरूरतमंदों को दान देने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- गंगा तट पर दीपदान करने से समृद्धि और शांति आती है।
- देव दीपावली का संदेश
देव दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि जैसे दीपक अंधकार को मिटाता है, वैसे ही ज्ञान और भक्ति जीवन के अंधकार को दूर करते हैं
एक नज़र में — देव दीपावली 2025 जानकारी
| अवसर | देव दीपावली 2025 |
|---|---|
| तिथि | 14 नवंबर 2025 (शुक्रवार) |
| पर्व | कार्तिक पूर्णिमा |
| स्थान | वाराणसी और देशभर में |
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