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देवउठनी एकादशी के दिन गलती से भी ना खाएं ये साग-सब्जियां, जानें क्या करें या क्या नहीं

Dev Uthani Ekadashi 2024
देवउठनी एकादशी के दिन गलती से भी ना खाएं ये साग-सब्जियां.

Dev Uthani Ekadashi 2024 Dos and Donts: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास की ग्यारवीं तिथि यानी एकादशी मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है. ऐसा इसलिए क्योंकि, इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योगनिद्रा से वापस आते हैं. तब उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.जिसके बाद से हर प्रकार के मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है. देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखने का भी विधान है. इस साल देवउठनी एकादशी मंगलवार 12 नवंबर को है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि देवशयनी एकादशी के दिन किन साग और सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए.

देवउठनी एकादशी पर क्या नहीं खाना चाहिए

देवउठनी एकादशी के दिन निर्जल व्रत रखना सर्वोत्तम माना गया है. लेकिन, इस दिन जलीय खान-पान की वस्तुओं का भी सेवन किया जा सकता है.आप चाहें तो इस दिन फलाहार भी कर सकते हैं. ध्यान रहे इस दिन चावल खाना पूरी तरह से निशेध माना गया है. यहां तक कि इस दिन चावल के बनी किसी भी चीज का सेवन पूर्णतः वर्जित है. इसके अलावा इस दिन मांस-मदीरा या अन्य तामसिक पदार्थों के सेवन से भी बचना चाहिए.

पहले तोड़कर रख लें तुलसी

देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियों को तोड़ना अच्छा नहीं माना गया है. इसके पीछे मान्यता यह है कि इस दिन माता तुलसी भी उपवास करती हैं. इसके अलावा चूंकि, तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है इसलिए इस दिन तुलसी के तोड़ने से बचा जाता है. ऐसे में भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए पहले ही तुलसी की पत्तियां तोड़कर रख लेना चाहिए.

इन साग-सब्जियों का गलती से भी ना करें सेवन

मान्यतानुसार, देवउठनी एकादशी के दिन गलती से भी गोभी, गाजर, शलजम, पालक इत्यादि साग-सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए.ऐसा करना शास्त्रोचित नहीं माना गया है.

देवउठनी एकादशी पर क्या करें

देवउठनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें. इसके बाद सूर्य देव को एक लोटा जल चढ़ाएं.इतना करने के बाद एकादशी व्रत का मन ही मन संकल्प लें.

देवउठनी एकादशी पर केसर मिला हुआ दूध भगवान विष्णु को चढ़ाएं.कहा जाता है कि इस उपाय को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है.

देवउठनी एकादशी पर विधि-विधान से तुलसी माता सहित भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें. इसके साथ ही पूजन के अंत में तुलसी माता भगवान विष्णु की आरती करें. ऐसा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी.

देवउठनी एकादशी के दिन पूजन के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें. यह उपाय भगवान विष्णु की कृपा दिलाने के लिए अचूक माना गया है. इस उपाय को करने से जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की के द्वार खुलते हैं.

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