Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस साल 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी का त्यौहार मनाया जाएगा। इस त्यौहार के दिन श्री हरी और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
देवशयनी एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीर सागर में सोने चले जाते हैं और चातुर्मास की शुरुआत होती है। इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है ताकि भगवान विष्णु की कृपा बनी रहे।
देवशयनी एकादशी के नियम (Devshayani Ekadashi)
देवशयनी एकादशी के दिन व्रत रखना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करना आवश्यक है। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, और पीले फल चढ़ाने चाहिए।
ना करें ये गलतियां
नकारात्मक विचारों से बचना: इस दिन नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए।
दूसरों की मदद करना: इस दिन दूसरों की मदद करना और दान देना भी बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
चावल का नहीं करें सेवन : देवशयनी एकादशी के दिन आपको चावल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके जीवन में परेशानी आ सकती है और श्री नारायण नाराज हो सकते हैं।
देवशयनी एकादशी के महत्व
देवशयनी एकादशी का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस दिन व्रत रखने और नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है।
देवशयनी एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखने, पूजा करने, और नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है।
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