
Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 18 तारीख को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुबेर देव की विधि-विधान से पूजा करने पर घर में धन, वैभव और समृद्धि का वास होता है। यही कारण है कि धनतेरस को धन की प्राप्ति और लक्ष्मी-कुबेर के स्वागत का दिन कहा जाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025)
धनतेरस के दिन शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करना अत्यंत शुभ रहता है। इस समय कुबेर देव की आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
पूजा की आसान विधि
सबसे पहले पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
मां लक्ष्मी और कुबेर देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
रोली, चावल, पुष्प, धूप, दीप और मिठाई अर्पित करें।
तिजोरी या धन रखने के स्थान पर दीपक जलाएं।
“ॐ कुबेराय नमः” मंत्र का जाप 108 बार करने से विशेष लाभ होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
पूजा के दौरान उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख रखें।
इस दिन नई वस्तुएं और सोना-चांदी खरीदना शुभ होता है।
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना नहीं भूलना चाहिए, इससे सकारात्मक ऊर्जा आती है।
क्यों की जाती है कुबेर पूजा
धन के देवता कुबेर जी मां लक्ष्मी के खजांची माने जाते हैं। मान्यता है कि धनतेरस की पूजा से घर में स्थायी लक्ष्मी और अपार संपत्ति का आगमन होता है। सच्चे मन से पूजा करने पर आर्थिक समृद्धि के साथ परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
कुबेर देव के साथ माता लक्ष्मी की भी करना चाहिए पूजन
धनतेरस के दिन आपको कुबेर देव के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए ऐसा करने से आपके जीवन की परेशानियां दूर होती है और जीवन में खुशहाली आती है। अगर ढंग से जुड़ी कोई समस्या चल रही है तो कुबेर देव के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से वह समस्या भी दूर हो जाएगी।
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