Dharm Gyan: हिंदू धर्म में रोजाना देवी देवताओं की पूजा का विधान है। घरों में स्थापित प्रतिमाओं को रोजाना भोग भी लगाया जाता है। कुछ लोग भगवान को भोग लगाने के बाद भोग प्रसाद को वहीं छोड़ देते हैं। मगर धर्म वास्तुशास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। आईए जानते हैं कि मंदिर भोग क्यों नहीं छोड़ना चाहिए…
भोग लगा कर वहीं ना छोड़ें
घर के मंदिर में जब भी भोग लगाएं तो कुछ जरूरी नियमों का ध्यान रखें। भगवान को भोग लगाने के बाद भोग को वहीं छोड़ कर नहीं जाना चाहिए। बल्की कुछ देर बाद भोग के प्रसाद को वहां से उठा लेना चाहिए।
पूजा घर में भोग छोड़ने से नाराज होती हैं लक्ष्मी
पूजा घर में देवी देवताओं का निवास होता है। इसलिए जब भी भगवान को भोग लगाएं तो कुछ देर बाद भोग की थाल को वहां से हटा लेना चाहिए। क्योंकि भोग वहीं पड़ा रहने से पूजा घर में मक्खियां आती हैं और मंदिर गंदा हो जाता है। इससे माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं क्योंकि उन्हें साफ-सफाई पसंद है।
थाल या पत्ते पर लगाएं भोग
अक्सर लोग भगवान को भोग जमीन पर ही रख देते हैं। मगर भगवान जमीन से प्रसाद उठाकर नहीं ग्रहण करते हैं। इसलिए भोग में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद हमेशा थाल में रख कर ही लगाना चाहिए। या भोग चढ़ाने के लिए किसी पत्ते का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मूर्तियों पर ना लगाएं भोग
आमतौर पर अपने मंदिरों में देखा होगा कि लोग मूर्तियों के मुंह पर ही भोग लगा देते हैं। ऐसा करना गलत होता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं, जैसे आपको अगर भूख नहीं लगी है और कोई जबरदस्ती आपके मुंह में खाना दल दे, तो आपकी गुस्सा आ जायेगा। ठीक वैसे ही भगवान को भी जब भूख लगेगी वो प्रसाद ग्रहण कर लेंगे, उनके (मूर्तियों) के मुख में भोग नहीं लगाना चाहिए। इससे मूर्तियां खराब हो सकती हैं।
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