Dharm Gyan: हिंदू धर्म में बेटियों के पैर छूना सही या गलत? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र ज्ञान

Dharm Gyan: यही वजह है कि हिंदू धर्म में बेटियों के पैर छुए जाते हैं। कभी भी उल्टा बेटियों से पैर नहीं छुआएं जाते।

Dharm Gyan: हिंदू धर्म में बेटियों को कन्या के रूप में देवी माना जाता है। कुंवारी कन्याओं का माता-पिता पूजन भी करते हैं। यहीं नहीं विवाह के समय माता-पिता अपनी बेटी का कन्यादान करते समय पैर भी पखारते हैं। यही वजह है कि हिंदू धर्म में बेटियों के पैर छुए जाते हैं। कभी भी उल्टा बेटियों से पैर नहीं छुआएं जाते। वही बेटी जब शादी कर बहू बन जाती है तो उससे अपने पति के माता-पिता के पैर छुआएं जाते हैं। मगर कया आप जानते हैं कि धर्म शास्त्र में बेटियों के पैर छूना सही है या गलत? अगर नहीं तो आईए जानते हैं…

हिंदू धर्म में बेटियां नहीं छूती पैर 

माता-पिता अपनी बेटियों से पैर नहीं छुवाते, यह हिंदू धर्म की एक प्राचीन परम्परा है। हिंदू धर्म में आमतौर पर देखा गया है कि कोई भी माता-पिता अपनी बेटियों से पैर नहीं छुआते हैं। कहते हैं कि अगर बेटियां अपने माता-पिता के पैर छूती हैं तो माता-पिता को पाप लगता है। इसके पीछे धारणा यही है कि बेटियों को देवी का रूप माना जाता है इसलिए उनसे चरण छुआना अच्छा नहीं माना जाता है।

माता-पिता लेते हैं बेटियों से आशीर्वाद

हिंदू धर्म में कुंवारी लड़कियों को माता का स्वरूप माना जाता है। इसलिए माता-पिता अपनी बेटियों के पैर छूते हैं। बेटियों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना भी बहुत अहम माना जाता है। इसलिए माता-पिता अपनी बेटियों से चरण स्पर्श नहीं कराते हैं। ऐसा ही व्याख्यान शिवपुराण में भी मिलता है। माता गौरी ने विवाह के बाद माता मैना के चरण स्पर्श कर विदाई ली थी।

माता सीता ने छुए थे पिता के पैर 

हालांकि वह हिंदू धर्म ही है, जिसमें पौराणिक कथाओं में बेटियों को माता-पिता के पैर छूते पाया गया है। प्रसिद्ध रामचरितमानस इसका प्रमाणिक उदाहरण है। कई संदर्भों में बताया गया है कि माता सीता ने विवाह के बाद विदाई लेते समय पिता जनक के पैर छुए थे।

धार्मिक दृष्टि से गलत हैं धारणा 

यह सच है कि बावजूद हिंदू धर्म में बेटियों को किसी के भी पैर छूने को मना किया जाता है। यह धारणा आज से नहीं बल्कि कई दशकों से चली आ रही है। मगर धार्मिक दृष्टि से कुछ आचार्य इसे गलत मानते हैं। उनका मानना है कि बेटियों को भी बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने का अधिकार है। इससे बेटियों के मन में बड़ों के लिए सम्मान का भाव जागता है।

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube  पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरे

- Advertisement -

Related articles

Share article

- Advertisement -

Latest articles