Dharm Visesh : हिंदू धर्म में बेटियों को देवी का दर्जा दिया गया है। बेटी को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में बेटियों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि बेटियों में मां दुर्गा का स्वरूप होता है। हिंदू धर्म के अनुसार बेटियों को काफी इज्जत दी जाती है और उनका पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है।
हिंदू धर्म में बेटियां नहीं छूती पैर(Dharm Visesh )
माता-पिता अपनी बेटियों से पैर नहीं छुवाते, यह हिंदू धर्म की एक प्राचीन परम्परा है। हिंदू धर्म में आमतौर पर देखा गया है कि कोई भी माता-पिता अपनी बेटियों से पैर नहीं छुआते हैं। कहते हैं कि अगर बेटियां अपने माता-पिता के पैर छूती हैं तो माता-पिता को पाप लगता है। इसके पीछे धारणा यही है कि बेटियों को देवी का रूप माना जाता है इसलिए उनसे चरण छुआना अच्छा नहीं माना जाता है।
माता-पिता लेते हैं बेटियों से आशीर्वाद
हिंदू धर्म में कुंवारी लड़कियों को माता का स्वरूप माना जाता है। इसलिए माता-पिता अपनी बेटियों के पैर छूते हैं। बेटियों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना भी बहुत अहम माना जाता है। इसलिए माता-पिता अपनी बेटियों से चरण स्पर्श नहीं कराते हैं। ऐसा ही व्याख्यान शिवपुराण में भी मिलता है। माता गौरी ने विवाह के बाद माता मैना के चरण स्पर्श कर विदाई ली थी।
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माता सीता ने छुए थे पिता के पैर
हालांकि वह हिंदू धर्म ही है, जिसमें पौराणिक कथाओं में बेटियों को माता-पिता के पैर छूते पाया गया है। प्रसिद्ध रामचरितमानस इसका प्रमाणिक उदाहरण है। कई संदर्भों में बताया गया है कि माता सीता ने विवाह के बाद विदाई लेते समय पिता जनक के पैर छुए थे।
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