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Dreaming of dead parents: सपनों में मृत परिजन क्यों आते हैं? गरुड़ पुराण मे छुपा है इसका रहस्य 

Dreaming of dead parents: सपने हमारे अवचेतन मन की भाषा होते हैं। जब कोई करीबी व्यक्ति हमें छोड़कर चला जाता है, तो उसकी यादें हमारे मन में गहराई से बस जाती हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में भले ही हम उन्हें याद न करें, लेकिन अवचेतन मन उन भावनाओं को संजोकर रखता है।

Dreaming of dead parents:  अक्सर लोग यह सवाल करते हैं कि सपनों में दिवंगत माता-पिता, दादा-दादी या अन्य परिजन क्यों दिखाई देते हैं। कई बार ये सपने भावुक कर देते हैं, तो कभी डर या बेचैनी का कारण बनते हैं। मनोविज्ञान और भावनात्मक दृष्टि से देखें तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनका संबंध हमारे मन, यादों और जीवन के अनुभवों से जुड़ा होता है।

Dreaming of dead parents: मनोवैज्ञानिकों कारण 

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, सपने हमारे अवचेतन मन की भाषा होते हैं। जब कोई करीबी व्यक्ति हमें छोड़कर चला जाता है, तो उसकी यादें हमारे मन में गहराई से बस जाती हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में भले ही हम उन्हें याद न करें, लेकिन अवचेतन मन उन भावनाओं को संजोकर रखता है। नींद के दौरान यही भावनाएं सपनों के रूप में सामने आ जाती हैं और हमें मृत परिजन दिखाई देने लगते हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे सपने शोक (Grief) की प्रक्रिया का हिस्सा भी हो सकते हैं। किसी अपने की मृत्यु के बाद व्यक्ति लंबे समय तक मानसिक रूप से उससे जुड़ा रहता है। अधूरी बातें, पछतावा, प्रेम या लगाव – ये सभी भावनाएं सपनों के माध्यम से बाहर आती हैं। कई बार सपने में परिजन से बात करना मन को कुछ हद तक सुकून भी देता है।

कुछ मामलों में तनाव और मानसिक दबाव भी इसकी वजह बनते हैं। जब व्यक्ति जीवन में किसी कठिन दौर से गुजर रहा होता है, तो उसका मन सुरक्षा और सहारे की तलाश करता है। ऐसे में सपनों में वही लोग दिखाई देते हैं, जिनसे वह सबसे अधिक जुड़ा हुआ महसूस करता था। मृत परिजन का सपना आना इस बात का संकेत हो सकता है कि व्यक्ति भावनात्मक सहारे की जरूरत महसूस कर रहा है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में भी इस विषय को अलग-अलग तरीके से देखा जाता है। कुछ लोग इसे आत्माओं का संदेश मानते हैं, तो कुछ इसे पूर्वजों का आशीर्वाद समझते हैं। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन आस्था के कारण लोग इन सपनों को विशेष महत्व देते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे सपनों से डरने की जरूरत नहीं है। यदि ये सपने बार-बार आ रहे हैं और मानसिक परेशानी बढ़ा रहे हैं, तो किसी काउंसलर या मनोवैज्ञानिक से बात करना लाभदायक हो सकता है। कुल मिलाकर, सपनों में मृत परिजनों का आना एक स्वाभाविक मानसिक प्रक्रिया है, जो हमारी यादों, भावनाओं और जीवन के अनुभवों से जुड़ी होती है।

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