Govardhan Puja 2023: त्योहारों का ताता लग चूका हैं, नवरात्रि में गरबा डांडिया करके दशहरा में रावण का दहन करके अब आने वाली हैं दीपावली। इस साल दीपावली 12 नवंबर को मनाई जायेगी और इसी के अगले दिन यानी 13 नवंबर को होगी गोवर्धन पूजा। इसे पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता हैं पर इसका ब्रज में अधिक महत्व हैं। गोवर्धन पूजन को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता हैं और ये पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती हैं।
गोवर्धन पूजा की कहानी
गोवर्धन पूजा ख़ास तौर से श्री कृष्णा की जन्म भूमि मथुरा में बड़े धूम धाम से मनाई जाती हैं। इस पूजा का रिश्ता पौराणिक काल की एक कटहा से जुड़ा ही जब भगवान श्री कृष्णा ने ब्रजवासियों को मूसलधार बारिश से बचने के लिए अपने हाथ की सबसे छोटी उँगली पर पूरे साथ 7 दिनों तक गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्रा देव का मान- मर्दन किया था और ऐसी ही 7 दिनों तक सारे ब्रज वाले सुखपूर्वक रहे । इसी के बाद जब ब्रह्मा जी ने इंद्रा देव को बताया की भगवान श्री कृष्णा ने धरती पर जनम लिया हैं और उसने बैर रखनी अच्छी बात नहीं हैं तब ही अपनी भूल सुधारने के लिए इंद्रदेव पुँहचे श्री कृष्णा के पास शमा मांगने के लिए।
इसी के बाद भगवान श्री कृष्णा ने 7वे दिन गोवर्धन पर्वत नीचे रखते हुए हर वर्ष गोवर्धन पूजा मनाने की आज्ञा दी ब्रजवासियों को। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्णा और गौ माता के साथ ही साथ वरुण देव, इंद्रा देव और अग्नि देव का भी पूजन किया जाता हैं।
गोवर्धन पूजा कैसे करे
गोवर्धन पूजन करने के लिए घर के आँगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाये और उसके बाद उसे फूलों से सजाकर दीप, फल, नैवेद्य चढ़ाएं। पूजा करने के बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात सात बार परिक्रमा करते हुए प्रणाम करें। माना जाता हैं की गोवर्धन पूजा के दिन गायों को गुड़ चना खिलाने से भगवान श्री कृष्णा अधिक प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाओं की भी पूर्ति करते हैं।
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