Gupt Navratri 2024: प्रतिवर्ष चार बार नवरात्रि के व्रत रखें जाते है। वही गुप्त नवरात्रि साल में दो बार होती है और सामान्य नवरात्रि दो बार होती है। माघ महीने की गुप्त नवरात्रि इस बार 10 फरवरी, यानी आज से शुरू होगी और 18 फरवरी को समाप्त होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्रि माघ महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है।
गुप्त नवरात्रि में दुर्गा मां देती हैं वरदान
गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है। माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा अपने अनुयायियों की हर इच्छा पूरी करती है और उन्हें दुःख और पीड़ा से छुटकारा दिलाती है। यही कारण है कि इस समय विश्व भर में देवी दुर्गा के मंदिर में भक्तों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है।
गुप्त नवरात्रि में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
आज गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 8 बजे 45 मिनट से 10 बजे 10 मिनट तक रहेगा। जिसकी कुल अवधि एक घंटे बीस मिनट होगी।
गुप्त नवरात्रि पूजन विधि
गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह की जाती है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा को सुबह-शाम पूजा करना चाहिए, साथ ही लौंग और बताशे का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही मां को श्रृंगार सामग्री भी दें। इस दौरान दुर्गा सप्तशती पढ़ना न भूलें। नौ दिनों के दौरान मां को आक, मदार, दूब और तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि में इन मंत्रों का करें जाप
पुराने समय से लोग गुप्त नवरात्रि में विश्वास करते आ रहे है। वही गुप्त नवरात्रि में शक्ति की पूजा की जाती है ताकि तनावमुक्त जीवन हो सके। माना जाता है कि इस दौरान मां शक्ति के कुछ मंत्रों का जाप करके किसी भी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है या सिद्धि मिल सकती है।
ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ऊं क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं”, मनुष्यों मत प्रसादेंन भविष्यति न संचयः क्लीं ॐ, ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा
मनोकामना पूर्ति दुर्गा मंत्र
सिद्धि के लिए ”ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ऊं क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं”, मनुष्यों मत प्रसादेंन भविष्यति न संचयः क्लीं ॐ, ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा” आदि विशिष्ट मंत्रों का जप कर सकते हैं। गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा का अर्गला स्त्रोत पढ़ना चाहिए, भक्त की सभी मनोकामनाएं अर्गला स्त्रोत से पूरी होती हैं। दुर्गा चालीसा भी पढ़ना चाहिए। भक्त गुप्त नवरात्रि में पूजा करने से रोग और शत्रु से बच जाते हैं।
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