Guru Pushya Yoga 2024: दीपावली से 7 दिन पहले 24 अक्तूबर को गुरुवार के दिन आज पुष्य नक्षत्र रहेगा। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र के उदय से ही इसे गुरु पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya Nakshatra) या गुरु पुष्य योग कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ दिन पर सोना-चांदी और अचल संपत्ति खरीदने से बहुत लाभ मिलता है। आप इस नक्षत्र में किसी चीज की खरीदारी करते हैं तो वह फलती फूलती है। जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पारिवारिक जीवन भी सुख शांति से भरा रहता है।
आचार्य श्री आशीष राघव द्विवेदी जी के अनुसार 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सुबह 11:45 बजे से शुरू होगा और अगले दिन 25 अक्टूबर को दिन में लगभग 12:31 बजे तक गुरु पुष्य योग रहेगा। आपको बता दें कि दृक पंचांग में गुरु पुष्य योग का समय 24 अक्टूबर को सुबह 6.38 बजे से 25 अक्टूबर 6.38 बजे तक बताया गया है। इसके अलावा कुछ कैलेंडर में इसका समय 06:15 से अगले दिन 25 अक्टूबर को प्रात: 07:40 बजे तक भी बताया गया है।)
पुष्य नक्षत्र का अर्थ
पुष्य का अर्थ है पोषण यानी ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला। ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो इसमें पुष्य को नक्षत्रों का राजा बताया गया है। ऋग्वेद में इसे मंगलकर्ता कहा गया है। इन कारणों से पुष्य नक्षत्र को शुभ व कल्याणकारी माना जाता है। ऐसी परंपरा रही है कि इस दिन लोग खरीदारी की शुरुआत के साथ नए काम को आरंभ करते हैं।
नए काम का आरंभ यानी दीपावली पर यदि आप घर की सफाई साज-सज्जा करना चाहते हैं, कुछ खरीदारी का सोच रहे हैं तो यह शुभ फलदायी है। ऐसी मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र पर शुभ ग्रहों का प्रभाव रहे तो वह सेहत से जुड़ी समस्याएं दूर कर स्वास्थ्य प्रदान करता है।
चिरस्थायी फलदायक
ज्योतिष की मानें तो गुरु यानी बृहस्पति पुष्य नक्षत्र के देवता हैं तो शनि दिशा प्रतिनिधि हैं। बृहस्पति शुभता, ज्ञान और बुद्धिमत्ता के प्रतीक माने जाते हैं, तो शनि स्थायित्व के प्रतीक। इस तरह से इन दोनों का प्रभाव पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिरस्थायी फल देने वाला बना देता है।
यह भी पढ़ें- दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को अर्पित करें ये चमत्कारी सफेद फूल, धन से भर जाएगी तिजोरी, दूर होगी दरिद्रता
अक्षय फल देने वाला
पुष्य नक्षत्र में सोने की खरीदने का विशेष महत्व है। दरअसल, सोना शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु है। यह भाग्य के कारक बृहस्पति की प्रतिनिधि मानी जाती है। इस तरह से देखा जाए तो पुष्य नक्षत्र में सोने की खरीद स्थायी रूप से संपन्नता बढ़ाने वाली होती है। इसी तरह यदि आप इस शुभ मुहुर्त में बहुमूल्य धातु, रत्न या आभूषण के साथ प्रॉपर्टी की खरीद करते हैं तो यह निवेश आपको विशेष लाभ प्रदान करता है। यहअधिक समय तक आपकोअक्षय फल देने वाली होती है।
आपको गुरु पुष्य योग के समय माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी नारायण की कृपा से सुख संपत्ति आएगी, धन में बढ़ोतरी होगी।
यह भी पढ़ें- Dhanteras 2024: 100 साल बाद 5 अद्भुत संयोग, धनकुबेर इन राशियों पर बरसाएंगे पैसा
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है। यहां केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)
यह भी देखें-
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News, Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।