Guru Vakri 2024 Rashifal: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह में गुरु सबसे शुभ ग्रह है. अगर, किसी जातक की कुंडली में गुरु यानी बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में मौजूद है तो उसे तमाम भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती रहती हैं. इसके अलावा समाज में मान-सम्मान और यश की प्राप्ति भी होती है. इतना ही नहीं, गुरु ग्रह की शुभता से व्यक्ति को नौकरी-व्यापार में भी खूब तरक्की मिलती है. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, बृहस्पति देव इस वक्त वृषभ राशि में संचरण कर रहे हैं. ये अगले साल यानी 2025 में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. इस वक्त गुरु मार्गी यानी सीधी चाल चल रहे हैं लेकिन अक्तूबर से वक्री (उल्टी) चाल शुरू कर देंगे. ऐसे में गुरु के वक्री चाल से कुछ राशियों को 2025 तक जबरदस्त लाभ होगा. आइए जानते हैं कि वक्री गुरु किन राशियों को लाभ कराएंगे.
मिथुन राशि
गुरु की वक्री चाल से मिथुन राशि से जुड़े जातकों को खास लाभ होगा. इस दौरान सामाजिक कार्यों में मान-सम्मान और यश मिलेगा. आमदनी के कई नए साधन नजर आएंगे. धन कमाने में सफल रहेंगे. जॉब और बिजनेस में भी जमकर तरक्की होगी. इसके अलावा इस दौरान कोई महत्वपूर्ण फैसला भी ले सकते हैं. धन के निवेश से खास लाभ होगा.
कर्क राशि
गुरु वक्री के शुभ प्रभाव से कर्क राशि के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस दौरान बृहस्पति ग्रह की अनुकूलता से हर प्रकार के रुके हुए काम सफल होंगे. धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी. परिवार के सदस्यों के साथ खुशनुमा पल बिताएंगे. छात्रों को गुरु ग्रह की कृपा से प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी. गुरु की उल्टी चाल लाभकारी साबित होगी. व्यापार करने वालों को गुरु वक्री की अवधि में जमकर आर्थिक लाभ होगा.
धनु राशि
धनु राशि के लिए गुरु की उल्टी चाल बेहद लाभकारी साबित होगी. बृहस्तपति देव की कृपा से आपका अटका हुआ धन मिलेगा. नौकरी में कार्यस्थल पर नए मुकाम हासिल कर सकते हैं. जॉब की तलाश करने वालों को मन के अनुकूल ऑफर मिल सकता है. इस दौरान सेहत अच्छी रहेगी. पैतृक संपत्ति से लाभ होगा. दांपत्य जीवन में जीवनसाथी का भरपूर साथ और सहयोग मिलेगा. अचानक धन लाभ हो सकता है. व्यापार में जबरदस्त आर्थिक लाभ देखने को मिलेगा.
बृहस्पति देव कब से शुरू करेंगे वक्री चाल |When Guru Grah Start Vakri Chaal
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति देव 9 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर वक्री होंगे. गुरु ग्रह इस स्थिति में 4 फरवरी 2025 तक रहेंगे और उसके बाद 4 फरवरी 2025 को ही दोपहर 3 बजकर 09 मिनट पर मार्गी हो जाएंगे. ऐसे में गुरु ग्रह कुल 119 दिनों तक वक्री अवस्था में ही संचरण करते रहेंगे.
क्या होता है ग्रहों का वक्री और मार्गी |What is Vakri and Margi
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब कोई ग्रह किसी राशि में उल्टी चाल शुरू करता है तो उसे वक्री कहा जाता है. वहीं, जब कोई ग्रह किसी राशि में सीधी चाल से संचरण करता है तो उस स्थित को मार्गी कहा जाता है. ग्रहों के मार्गी और वक्री चाल का असर राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर कमोबेश देखने को मिलता है.
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