Hartalika Teej and Rishi Panchami: रीति-रिवाजों के अनुसार हिंदू धर्म मे व्रत का विशेष महत्व है.विभिन्न व्रत के दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करती हैं.इसमें देव प्रबोधिनी एकादशी,करवा चौथ,धनतेरस और गुरु पर्व आदि व्रत को महिलाएं विशेष फल की प्राप्ति के रखती हैं .
6 को हरतालिका तीज व्रत
हरतालिका तीज व्रत 6 सितंबर को होता है यह व्रत सुहाग का पर्व है। इस दिन महिलाएं निराहार और निर्जल व्रत रखती हैं यह भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है. महिलाओं के लिए यह व्रत सुहाग और सौभाग्य के लिए बेहद शुभ होता है। इस व्रत को कजली तीज भी कहते हैं.. शास्त्रों में इस व्रत के विषय में बताया गया है कि द्वितीया तिथि के साथ तृतीया तिथि होने पर यह व्रत महिलाओं को नहीं रखा जाना चाहिए बल्कि तृतीया के साथ चतुर्थी तिथि का संयोग होने पर हरतालिका तीज का व्रत रखना उत्तम होता है। इस व्रत मे महिलाएं बालू-रेत से भगवान शंकर और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजा करती हैं. व्रत के दौरान महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए जाते हैं और रात्रि जागरण किया जाता है.व्रत का समापन अगले दिन किया जाता है.
8 को ऋषि पंचमी व्रत
ऋषि पंचमी व्रत इस साल 8 सितंबर दिन रविवार को पड़ रहा है. हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी एक शुभ त्यौहार है। ऐसा माना जाता है कि यह दिन भारत के ऋषियों का सम्मान करने के लिए है। यह व्रत सात महान ऋषियों को समर्पित है। इस व्रत में सप्त ऋषियों की विधि विधान से पूजा की जाती है. धर्म विशेषज्ञों अनुसार सप्त ऋषियों की यह पूजा भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन नदी में स्नान करके की जाती है.पूजा में सप्त ऋषियों की स्थापना कर पुष्प,धूप,दीप,और नैवेद्य से आराधना की जाती है.
ऋषि पंचमी व्रत और हरतालिका तीज के फायदे
ऋषि पंचमी का त्योहार एक पवित्र दिन है और यदि भक्त सभी अनुष्ठानों और ऋषि पंचमी के उपवास का पालन करते हैं, तो वे बुरे भाग्य और पिछले और वर्तमान जीवन के सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाते हैं।
हरतालिका तीज व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए रखती हैं.नवविवाहित महिलाएं भी इस व्रत को सौभाग्य और खुशहाली के लिए करती हैं.
मान्यता के अनुसार इन व्रतों को करने से पुण्य की प्राप्ति होती है,जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति मिलती है. हरतालिका तीज व्रत के दौरान उपवास करने से शरीर की सफाई और पाचन तंत्र को आराम मिलता है,
इन व्रतों से परिवार में सुख-शांति आने के साथ-साथ परिवार में प्रेम और एकता बढ़ती है,जिससे घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है.
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