Hindu Dharma: सनातन धर्म में कई मान्यताएं प्रचलित हैं जिनका पालन सनातन धर्म को मानने वाले लोग करते हैं। खासतौर पर त्योहारों और व्रतों के दौरान लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित होता है। अब आपके मन में ये सवाल चल रहा होगा कि पूजा और व्रत के दौरान लहसुन और प्याज का सेवन क्यों नहीं किया जाता है
Hindu Dharma: आइए जानते है मान्यताओं के बारे में
जब देवताओं और दानवों ने वैभव विहीन हो चुके स्वर्ग के वैभव और संपदा को पाने के लिए समुद्र मंथन किया तो उसमें से अमृत का कलश निकला। जिसके बाद देवताओं और राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध शुरू हो गया। इसके बाद भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और देवताओं और दानवों को अमृत बांटना शुरू कर दिया। लेकिन सबसे पहले अमृत पीने की बारी देवताओं की थी। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और देवताओं को अमृत पिलाने लगे, लेकिन उसी समय देवताओं के बीच एक राक्षस आकर देवता का रूप धारण करके बैठ गया।
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लहसुन और प्याज खाना क्यों वर्जित है?
ऐसा कहा जाता है कि जिसके बाद भगवान सूर्य और चंद्रमा भगवान ने राक्षस को पहचान लिया, भगवान विष्णु ने अपने चक्र से उस राक्षस का सिर काट दिया, हालांकि राक्षस ने अमृत पी लिया था जो उसके मुंह में ही था। सिर कटने के बाद अमृत की कुछ बूंदें जमीन पर गिरीं जिससे लहसुन और प्याज का जन्म हुआ। इतना ही नहीं, धार्मिक ग्रंथों की मानें तो भगवान विष्णु ने जिस राक्षस का सिर काटा था, उसका सिर राहु और धड़ केतु के नाम से जाना जाने लगा। राक्षस के अंश से लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। इसी वजह से व्रत और पूजा में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
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