Hariyali Teej 2024: शादी के बाद पहली बार कर रही हैं हरियाली तीज का व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, महादेव का मिलेगा आशीर्वाद

Hariyali Teej 2024: शादी के बाद पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखने का अलग ही महत्व है और इस दिन नव विवाहिता को पूजा से लेकर सोलह सिंगार का खास ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान की जाने वाली आराधना हमेशा संपूर्ण विधि के साथ करनी चाहिए।

Hariyali Teej 2024: हिंदू धर्म में हरियाली तीज का काफी ज्यादा महत्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और महादेव से सदा सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद प्राप्त करती है। हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और इस दिन हरी चूड़ी पहने और मेहंदी लगाने का रिवाज देखने को मिलता है।

वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती है। शादी के बाद पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखने का अलग ही महत्व है और इस दिन नव विवाहिता को पूजा से लेकर सोलह सिंगार का खास ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान की जाने वाली आराधना हमेशा संपूर्ण विधि के साथ करनी चाहिए। तो आईए जानते हैं पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखें तो किन बातों का ध्यान रखें।

कब है हरियाली तीज 2024 ?

हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जा रहा है। इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त 2024 शाम 7 बजकर 42 मिनट पर हो रही है। इसका समापन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे होगा।

हरियाली तीज की पूजा विधि (Hariyali Teej 2024)

शादी के बाद आप हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं तो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले फिर साफ वस्त्र धारण करें और पूजा करें। ध्यान रखें पूजा से पहले आपको सोलह सिंगार करना चाहिए।

फिर पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें। चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। फिर इस पर भगवान शिव और उनके परिवार की मूर्तियां स्थापित करें। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाएं।

धीरे-धीरे पूजा की सभी सामग्रियों को भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करते रहें। फिर तीज व्रत की कथा सुनें और आरती करें। आरती के बाद खुशहाल जीवन की कामना करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें।

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हरियाली तीज पूजन सामग्री

पहली बार हरियाली तीज व्रत की पूजा के लिए कुछ खास सामग्रियों को शामिल करें। इनमें शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही और मिश्री को शामिल करें। इसके बाद पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शहद और पंचामृत को भी रखें। इस दौरान सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को भी रख सकते हैं।

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