Indian Wedding Rituals: शादियों का मौसम चल रहा है और चारों तरफ शहनाइयों की गूंज सुनाई दे रही है। वर वधु अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे ले रहे हैं और सात जन्मों के बंधन में बंद रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी शादी के वीडियो का जमकर वायरल हो रहा है। सनातन धर्म में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है और इससे जुड़े कई रीति रिवाज होते हैं। शादी में एक अनोखा रिवाज है और इस रिवाज के अनुसार लड़के की मां अपने बेटे के फेर नहीं देखती।
अपने बेटे के फेरे नहीं देखती मां ( Indian Wedding Rituals )
शादी सबके लिए अनोखा पल होता है लेकिन शादी के दौरान लड़के की मां अपने बेटे के फेर नहीं देखी है और बेटे की शादी में नहीं जाती है। यह प्रथम मुगल काल से चली आ रही है और इस परंपरा का कोई साक्ष्य अभी तक नहीं मिल पाया है।
कहा जाता है कि मुगल काल में जब कोई महिला अपने बेटे के बारात में जाती थी तो चोर डकैत पीछे से उसके घर का सफाया कर देते थे यही वजह था कि महिलाएं घर का देखभाल करने के लिए घर में रहने लगी। तब से यह परंपरा लगातार चलने लगी।
मॉडर्न टाइम में कई घरों में मां अपने बेटे के शादी में जाती है लेकिन उन्हें बेटे के फेरें देखने से इनकार कर दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भी वधू पहली बार शादी करके ससुराल जाती है तो उसके स्वागत के लिए घर में मुख्य महिला का होना बहुत जरूरी होता है। ताकि विधि विधान से उसका गृह प्रवेश हो सके। इसलिए भी लड़के की मां घर पर रहती है।
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