Jagannath Mandir का इतिहास एक ऐसा इतिहास है, जिसे पूरी दुनिया जानती है। जगन्नाथ मंदिर, जगन्नाथ पुरी में स्थित है। यहां पर पुजारियों ने 12 साल से जगन्नाथ की पूजा जारी रखी है। मंदिर का इतिहास पुराना राजा इंद्रद्युम्न के समय से ही है। राजा इंद्रद्युम्न ने एक मंदिर बनाया जिस्मे जगन्नाथ जी का मूर्ति स्थपित किया गया था।
मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। जगन्नाथ जी को प्रथम भक्त विश्वकर्मा ने बनाया था। विश्वकर्मा ने जगन्नाथ जी की मूर्ति बनाने के लिए लोगों को समरपित करके एक खेती में मूर्ति बनाई। मंदिर का इतिहास कुछ साल पहले एक भूत से कहता भी सुना जाता था।
Jagannath Mandir के रहस्य
जगन्नाथ मंदिर पुरी में एक विशेष स्थली है, जो हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। क्या मंदिर का निर्माण श्री शंकराचार्य ने श्री रामानुजाचार्य के आगमन पर किया था। क्या मंदिर का महत्व बहुत अधिक है। मंदिर की पूजा विधि को संस्कृत में स्मरणीय है।
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य का वर्णन, काफी पुराना है। एक बार एक ब्राह्मण ने इस मंदिर के मंडपम में एक रात्री में एक व्यक्ति दिखाया। उसे एक शिला पर बैठ कर, जगन्नाथ की पूजा की। ब्राह्मण ने हमें व्यक्ति से पूछा की, “तुम कौन हो? तुम्हें जगन्नाथ की पूजा कैसे पता?” व्यक्ति ने कहा की, “मैं जगन्नाथ का भक्त हूँ।
1. जगन्नाथ मंदिर में पूजा की शुरुआत एक सवारी या एकत्रा या एक प्रदक्षिणा करते हैं।
2. मंदिर में जाने के बाद, सबसे पहले आपको जगन्नाथ मंदिर के चार तरफ से दर्शन करना है।
3. जगन्नाथ मंदिर में पूजा का समय निर्धारित किया गया है – पूजा की शुरुआत सुबह 9 बजे और शाम 7 बजे होती है।
4. मंदिर में जाने के बाद, आपको मंदिर में प्रवेश करने के लिए एक लाइन में खड़े होना होगा।
5. मंदिर में प्रवेश करने के बाद, आपको जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद के लिए एक लाइन में खड़े होना होगा।
6. प्रसाद (भोग) सेविये के बाद, आपको जगन्नाथ मंदिर के चरण तरफ परिक्रमा करनी होती है।
(यह आर्टिकल विदा न्यूज में इंटर्न कर रहीं प्रज्ञा आनंद ने तैयार किया है।)
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