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Guru Purnima 2024: जानिए क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का त्यौहार, क्या है इस त्यौहार की मान्यता? जानें!

Guru Purnima 2024: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के अवसर पर इस त्यौहार को मनाया जाता है.

Guru Purnima 2024
Guru Purnima 2024

Guru Purnima 2024:    हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा के त्यौहार का काफी ज्यादा महत्व है। साल 2024 में 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा की तिथि 20 जुलाई को शाम 6:00 बजे से शुरू होकर 21 जुलाई को 3:45 तक यह मान्य होगी। हालांकि जिस दिन सूर्योदय होता है वही तिथि मान्य होती है इसलिए 21 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाएगा। आईए जानते हैं क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा के त्यौहार…

जानें क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का त्यौहार (Guru Purnima 2024)

लगभग 3000 ई.पूर्व पहले आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेदव्यास के सम्मान में गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है और मान्यता है कि इस दिन वेद व्यास ने भागवत पुराण का ज्ञान भी दिया था। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुजनों के सम्मान और उन्हें गुरु दक्षिणा देने का बहुत महत्व है। माना जाता है कि इस दिन अपने गुरु और गुरु तुल्य वरिष्ठजनों को मान-सम्मान देते हुए उनका आभार जरूर व्यक्त करना चाहिए। साथ ही जीवन में मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें गुरु दक्षिणा देने का भी महत्व है। गुरु पूर्णिमा के दिन व्रत, दान-पुण्य और पूजा-पाठ का भी बहुत महत्व है। माना जाता है कि जो मनुष्य गुरु पूर्णिमा का व्रत रखता है और दान-पुण्य करता है, उसे जीवन में ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन के बाद मोक्ष मिलता है।

गुरु पूर्णिमा की कथा

आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को ही वेदव्यास का जन्म हुआ। वेदव्यास जब छोटे थे तो उन्होंने अपने माता-पिता से भगवान के दर्शन करने की इच्छा जाहिर थी लेकिन उनकी माता ने उनकी यह इच्छा पूरी करने से मना कर दिया। तब वह अपने माता से भगवान से मिलने की इच्छा जाहिर करके हठ करने लगे तब उनकी माता ने उन्हें कहा कि तू बन चला जा और जब घर की याद आए तो लौट आना।

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वन में वेदव्यास ने कठोर तपस्या की और इस दौरान उन्हें संस्कृत का ज्ञान प्राप्त हुआ इसके साथ ही उन्होंने चारों वेदों का विस्तार किया और साथ ही साथ उन्होंने कई महाकाव्य की रचना की। उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाने लगा।

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