Hariyali Teej: सावन के महीना को पवित्र महीना माना जाता है और इस महीना में भगवान शिव की आराधना के साथ ही कई तरह के व्रत त्यौहार का भी महत्व है. इस माह में कई त्यौहार आते हैं जो की जीवन में खुशियों का संकेत देते हैं और इसमें सबसे पवित्र त्यौहार हरियाली तीज का त्यौहार होता है. इस दौरान कई जगह पर मेले का आयोजन किया जाता है और महिलाएं मिलकर खूब मस्तियां करती है.
महिलाएं इस दिन सज धज कर ससुराल से मायके जाती है और सिंगार करके झूला झूलती है और खूब मस्ती करती है. हरियाली तीज का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए रखा जाता है. इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती है और महिलाओं को उसे दिन भाई अपनी बहन के ससुराल सिंघाड़ा लेकर जाते हैं.
इस दिन का इंतजार हर महिला पूरे साल करती है और सुहागिन हरियाली तीज के दिन स्पेशल शॉपिंग भी करती है और तैयार होकर बेहद खूबसूरत दिखती है. इस दिन सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष सिंगर का महत्व हैं. सोलह सिंगार करने से इस दिन सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति की उम्र लंबी होती है.
क्यों मनाया जाता है हरियाली तीज (Hariyali Teej)
पुरानी कथाओं के अनुसार हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. कहा जाता है कि कठोर तपस्या के बाद इसी दिन मां पार्वती का विवाह भगवान शंकर से हुआ था और मां पार्वती के तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां पार्वती से विवाह किया था.
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क्या है इस दिन सिंगार का महत्व
हरियाली तीज के दिन महिलाएं सजती सावर्ती है और सिंगार करती है. इस दिन सिंगर का खास महत्व है और इस दिन सोलह सिंगार किया जाता है. सोलह सिंगार करना संभव नहीं है तो कम से कम तीन सिंगार जरूर करें जिसमें मेहंदी चूड़ी मेहंदी शामिल है. कहा जाता है सिंगार करने से मां पार्वती प्रसन्न होती है और आशीर्वाद देती है.
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