
Maa Chang Devi Mandir: आज हम आपको भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहां पर हिंदू मुस्लिम दोनों सर झुकाते हैं. इस मंदिर में हिंदू मुस्लिम का अनोखा भाईचारा देखने को मिलता है और दोनों धर्म के लोग श्रद्धा पूर्वक यहां माथा टेकने आते हैं.जंगलों के बीच राजस्थान के भरतपुर के भगवानपुर गांव में शक्ति स्वरूपा मां चांग देवी का मंदिर है. तो आईए जानते हैं इस अद्भुत मंदिर के बारे में विस्तार से…
जानें कैसे पड़ा इस मंदिर का नाम (Maa Chang Devi Mandir)
चांगभखार रियासत की कुलदेवी होने के कारण इस मंदिर को चांग देवी मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। ऐसा कहा जाता है कि चांद देवी चांगभखार रियासत के राजा बुलंद को चंद देवी का वरदान मिला था. राजा को कभी मृत्यु न होने का वरदान मिला था लेकिन राजा ने दूसरे वंश के राजा को यह राज बता दिया.
राजा ने चौहान वंश के राजा को बताया कि उनकी मृत्यु नहीं हो सकती लेकिन उन्हें पराजित करना है तो लकड़ी का तलवार इस्तेमाल करना होगा. जब चौहान वंश के राजाओं को यह राज पता चला तो वह लकड़ी का तलवार बनाकर राजा को पराजित कर दिया. वह लकड़ी की तलवार आज भी भरतपुर विकासखंड के खोहरा नामक के एक जगह पर रखी गई है.
क्या है खासियत
यह मंदिर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों के लिए पूजनीय है, इसलिए यह स्थान एकता की मिसाल भी है। मुस्लिम धर्म के अनुयायियों का मानना है कि माता चांद देवी हमारे ही इलाके की कुलदेवी हैं, इसलिए इलाके के मुसलमान लोग भी इस मंदिर में श्रद्धापूर्वक माथा टेकते हैं। यह एक सिद्ध पीठ है, इसलिए शारदीय और चैत्र नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है।
सिर्फ राजस्थान के लोग ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड मध्य प्रदेश और देश के तमाम राज्यों से लोग माता के दर्शन करने आते हैं. यहां दर्शन करने से सभी मनोकामना पूरी होती है. यहां बड़े पैमाने पर भक्ति नवरात्रि में दर्शन करने के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कोई भी भक्त माता के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटता है.
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