Mahakumbh 2025: महाकुंभ की धूम पूरी दुनिया में देखने को मिल रही है। कुंभ मेले में दो शाही स्नान हो चुके है और अगला शाही स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा। नागा साधुओं के बाद नागा साध्वी भी शाही स्नान करती है। हालांकि आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा कि अगर लोग साध्वियों को माहवारी आ जाए तो वह शाही स्नान कैसे करेगी? तो आईए जानते हैं इससे जुड़े नियम…
माहवारी में नागा साध्वी कैसे करती है शाही स्नान ( Mahakumbh 2025 )
महिला नागा साधुओं को इस बात की छूट दी जाती है कि वह गंगाजल लेकर अपने शरीर पर छिड़क ले। इसे मान लिया जाएगा कि उन्होंने शाही स्नान कर लिया है। गृहस्थ जीवन में महिलाओं को माहवारी के दौरान पवित्र नदियों को स्पर्श करने की मनाही होती है। लेकिन महिला नागा साधुओं के लिए नियम अलग होता है और वह माहवारी के दौरान भी पवित्र नदियों को छू सकती हैं।
पीरियड के दौरान महिला नागा साधु पवित्र नदियों के तट पर अपने शिविर में रहती हैं और गंगाजल को जल में मिलाकर स्नान करती हैं।
महिला नागा साधुओं के लिए बनाए गए हैं कड़े नियम
महिला नागा साधुओं की जीवन शैली और परंपराएं पुरुष नागा साधुओं से बिल्कुल अलग होती है। उन्हें कपड़े पहनने की अनुमति होती है लेकिन सिला हुआ कपड़ा नहीं पहन सकती हैं। साधु बनते समय उन्हें अपने बाल मुंडवा कर अपना पिंडदान करना होता है। जूना अखाड़ा देश का सबसे बड़ा और पुराना अखाड़ा है और ज्यादातर महिला नागा साधु इससे जुड़ी हुई है।
कैसे बनती है महिला नागा साधु
महिला नागा संन्यासी बनने की प्रक्रिया पुरुष नागा साधुओं की तरह ही होती है। अंतर बस यह होता है कि पुरुषों का जननागिन निष्क्रिय कर दिया जाता है जबकि महिलाओं को ब्रह्मचर्य जी के पालन करने का संकल्प लेना पड़ता है।
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सूत्रों की माने तो मुगलों और अंग्रेजों के समय में साधु अपना बात कोड वर्ड में करते थे और धीरे-धीरे यही उनकी भाषा बन गई।
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