Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को होगा। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल से स्नान, उबटन, हवन, जलपान, भोजन और दान ये छह कर्म किये जाते हैं। इस दिन दैनिक उपयोग की वस्तुएं, तिल, गुड़, गजक, बाजरे का दलिया, खिचड़ी, घी, वस्त्र, कंबल आदि का दान किया जाता है।
Makar Sankranti 2025: किन चीजों का करें दान
मकर संक्रांति के दिन सुबह तिल मिलाकर स्नान करने के बाद आंगन में चौक बिछाकर अष्टदल कमल की अल्पना बनाई जाती है और उसमें सूर्य देव का आह्वान किया जाता है। सूर्योदय के बाद सूर्य मंत्र का जाप करते हुए तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य देते हैं। खिचड़ी के लिए कच्ची दाल, चावल, तिल, गुड़, घी, सब्जी, तिल के लड्डू, आदि का दान किया जाता है।
हो जाते हैं शुभ कार्य शुरू
कुछ लोग मकर संक्रांति का व्रत भी रखते हैं। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। लोग नदियों और तालाबों में जाकर स्नान करते हैं और खिचड़ी और तिल का दान करते हैं। हर साल आने वाला मलमास इस दिन समाप्त होता है और लोग फिर से अपने परिवार में विवाह आदि शुभ कार्य शुरू करते हैं।
उत्तरायण और दक्षिणायन
सूर्य देव जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन सूर्य देव उत्तरायण भी होते हैं। मकर संक्रांति को सूर्य का उत्तरायण और कर्क संक्रांति को सूर्य का दक्षिणायन कहा जाता है। उत्तरायण काल के दौरान, सूर्य देव उत्तर की ओर झुकते हैं और दक्षिणायन काल के दौरान, सूर्य देव दक्षिण की ओर झुकते हैं। मकर संक्रांति पर स्नान और दान का बहुत महत्व है।
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