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Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें ये 5 विशेष काम, घर आएगी समृद्धि और खुशहाली

Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा सिर्फ एक तिथि नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का अवसर है। इस दिन की गई थोड़ी-सी भक्ति भी जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

Margashirsha Purnima 2025:  हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह को अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है और इस माह की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक कष्ट दूर होते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अपना स्वरूप बताया है। इसी कारण इस माह को “मासों में श्रेष्ठ माह” भी कहा जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दान और जप का विशेष महत्व होता है। इस साल 4 दिसंबर यानी कि कल मार्गशीर्ष पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाएगा।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्या करें? (Margashirsha Purnima 2025)

इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान संभव न हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।

घरों में भगवान विष्णु, लक्ष्मी माता और तुलसी पूजन किया जाता है। घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

दान का विशेष महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कंबल और जरूरतमंदों को भोजन कराने का बड़ा पुण्य माना गया है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से व्यक्ति के जीवन के सभी ग्रह दोष शांत होते हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।

कई स्थानों पर इस दिन धार्मिक मेले और कथा-प्रवचन आयोजित होते हैं। मंदिरों में विशेष आरती और भजन-कीर्तन होते हैं, जिसमें श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, जिससे मन, भावनाओं और आत्मिक शक्ति को बल मिलता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किया गया जाप और पूजा कई गुना फल देती है। इस दिन मानसिक शांति के लिए ध्यान और भजन अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं।

क्या न करें?

इस दिन क्रोध, अहंकार और अशुद्ध विचारों से दूर रहना चाहिए। मांस-मदिरा और तामसिक भोजन से परहेज करें। किसी का अपमान न करें और घर में कलह से बचें।

क्यों है यह दिन खास?

मार्गशीर्ष पूर्णिमा सिर्फ एक तिथि नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का अवसर है। इस दिन की गई थोड़ी-सी भक्ति भी जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

अगर आप इस पूर्णिमा पर सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और जरूरतमंदों की सेवा करते हैं, तो निश्चित रूप से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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