Marriage Tips : हिंदू धर्म में विवाह का अधिक महत्त्व होता है। विवाह के बाद ही व्यक्ति का जीवन परिपूर्ण समझा जाता है। लेकिन कई बार विवाह होने में देरी होने लगती है, जिससे लोग कई तरह के उपाय भी आजमाते हैं। खासकर लड़कियों के मामले में ऐसा अधिक देखा गया है। विवाह में देरी होने से लड़कियों को काफी परेशानी होती है। यहां हम आपको एक रामबाण उपाय बताने जा रहे हैं जिसके बाद आपकी शादी के योग जल्द ही बन जाएंगे। इसके साथ ही ये उपाय लव मैरिज के लिए भी असरदार है।
मंगला गैरी पूजा से जल्द होगी शादी
अगर आपकी भी शादी में रुकावटें आ रही हैं या फिर आप किसी से प्रेम करती हैं और उससे शादी नहीं हो पा रही तो आप ये उपाय जरूर करें। जल्द शादी के उपाय के लिए आपको मां मंगला गौरी की नियमित पूजा करनी है। मां गौरी के स्वरूप को ही मंगला गौरी कहा गया है क्योंकि गौरी माता के वश में सभी ग्रह आ जाते हैं। गौरी मां की पूजा करने से आपकी शादी में आ रही रुकावट दूर हो जाती हैं।
परोपकार की देवी हैं मंगला गौरी
मंगलागौरी को परोपकार की देवी के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर एक शक्ति पीठ है – जहां अत्यंत प्राचीन हिंदू दैवीय इतिहास के ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि माता सती के शरीर का एक हिस्सा – स्तन गिरा था। यहां सती की पूजा पोषण के प्रतीक स्तन के रूप में की जाती है।
प्रेम विवाह के लिए करें जपें गौरी मंत्र
कई बार प्रेमी जोड़ों के विवाह में काफी अड़चने आ जाती हैं। कुंवारी लड़कियां खासकर अपने प्रेमी से शादी के लिए सोलह सोमवार व्रत करती हैं और शिवजी को मनाने का प्रयास करती हैं। मगर वो शिवजी को पत्नी मां गौरी की उपासना करना भूल जाती है। इसलिए पूजा का सही परिणाम नहीं मिलता है। शादी के लिए मां गौरी की पूजा आवश्यक है। माता सीता ने भी श्री राम से विवाह के लिए गौरी पूजा की थी। गौरी पूजा में मां की मूर्ति के सामने बैठकर साफ मन से उनके मंत्रों का जाप करें।
श्री मंगला गौरी के मंत्र:
नीचे दिए गए मंत्रों में कोई भी एक गौरी मंत्र का जाप कर सकते हैं। मां गौरी का जो भी मंत्र चुने उसका नियमित रोजाना एक समय निर्धारित कर जाप करें। मंत्र का जाप आप 21 या 108 बार करें। इसके बाद मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
1. मां मंगला गौरी के मंत्रसर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
2. ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
3. ऊं ह्लीं श्रीं क्लीं सर्वपूज्ये देवी मंगल चण्डिके ऐं क्रिं फट स्वाहा।