Mata Bijasan Mandir Indergarh: अंधों को आंख देत, बेजुबानों को आवाज, जान‍िए माता ब‍िजासन की मह‍िमा

Mata Bijasan Mandir Indergarh: राजस्थान के कोटा संभाग में स्थित माता बिजासन की मान्यता देश ही नहीं दुनियाभर में है। भक्त माता बिजासन के इस मंदिर को चमत्कारी मानते हैं। आइए जानें मंदि‍र की मह‍िमा।

Mata Bijasan Mandir Indergarh: राजस्‍थान के बूंदी जिले में इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित माता बिजासन मंदिर। यहां माता बिजासन मेला नवरात्र स्थापना के साथ शुरू हो जाता है। उस समय का दृश्‍य देखने लायक होता है जब नौ दिन तक दूर-दूर से चलकर भक्‍त यहां आते हैं और वे नाचते गाते माता के दरबार में मन्‍नत मांगने आते हैं। इस मंद‍ि‍र को लेकर कई मान्‍यताएं हैंं।

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बिजासन माता की पौराणिक कथा

बिजासन माता के प्रकट होने की पौराणिक कथा माता के पुजारी हरिओम योगी और नंदकिशोर योगी ने भी बतायी है। उनके अनुसार, माता की प्रतिष्ठा 3 हजार साल पुरानी है ऐसी मान्‍यता है। इसी तरह, दरा गांव में नाथ संप्रदाय में गोरखनाथ जैसे गुरु कृपानाथ को माता बिजासन ने दर्शन दिए। तब उस क्षेत्र में घना जंगल हुआ करता था। ऐसी मान्‍यता है क‍ि कृपानाथ महाराज दरा गांव में नागण माता के पास धूना लगाकर तपस्या किया करते थे।

चमत्‍कारी है मंद‍िर

हजारों वर्ष से भी ज्यादा प्राचीन मां का मंद‍िर चमत्‍कारी है। ऐसे कई चमत्‍कार यहां सुनने को म‍िलते हैं। माना जाता है क‍ि इनकी एक झलक मात्र से श्रद्धालुओं के सारे कष्ट दूर हो जाते हैंं मनोकामनाएं पूरी होती है। तभी माता की एक झलक पाने के ल‍िए को तकरीबन 750 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है तो भी वे उत्‍साह से चढ़ते चले जाते हैं। बता दें क‍ि मंदिर ऊंची पहाड़ी पर 610 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

तब प्रकट हुईंं माता

 बिजासन माता की मूर्ति गुफा में है। मान्‍यता है क‍ि विशाल पहाड़ों के बीच चट्टान चिरकर बिजासन माता प्रकट हुई हैं। कहते हैं वे स्‍वयं ही श‍िला से उभरकर मूर्ति बन गईं। बीजासन माता की मूर्ति लगभग पौने 3 फुट की है। यह मूर्ति सर्प फनाकार है। बीजासन माता की मूर्ति गुफा के बाएं कोने पर स्थित है। माता के बायीं ओर गणेश जी वि‍राजमान हैं। वे माता रानी के गोद में बैठे हुए हैं।

अखंड जोत है प्रज्‍वल‍ित

मंदिर में सालों से अखंड जोत जल रही है है। इसमें 1 दिन में 3 किलो 650 ग्राम तेल लगता है। माना जाता है क‍ि इससे उत्पन्न होने होने वाला काजल अद्भुत चमत्कारी होता है और आंखों में लगते ही उसकी पीड़ा रह लेती है। अखंड ज्योति के पास में काल भैरव और सातों बहनों की प्रतिमाएं स्थित हैं। मंदिर से नीचे उतरते ही दाएं तरफ बटुक भैरव और क्षेत्रपाल है।

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