
Mauni Amavasya: हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और परंपराओं में संगम पर स्नान करना बहुत पवित्र स्नान माना जाता है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। जबकि माघ मेला हर साल और अर्ध कुंभ हर 6 साल में आयोजित किया जाता है, महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। इस मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु जाते हैं और पवित्र संगम में डुबकी लगाते हैं।
अगर आप भी प्रयागराज संगम पर स्नान करने जा रहे हैं तो इन तिथियों को याद रखें और उसी दिन पवित्र स्नान करें। संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, इस बार माघ मेला 1 जनवरी से शुरू हो रहा है। मकर संक्रांति का मेला 14 और 15 जनवरी को है।
यह भी पढ़े:- Color Astrology : दिन के हिसाब से कपड़ा पहनें तो हो जाएगी लाइफ चेंज!
Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या सबसे बड़ा स्नान
मौनी अमावस्या को संगम पर सबसे बड़ा स्नान माना जाता है। इस दिन देश-विदेश से करोड़ों लोग आते हैं और संगम में डुबकी लगाते हैं। इस बार मौनी अमावस्या का स्नान 21 जनवरी को पड़ेगा। मौनी अमावस्या का स्नान सुबह 4:00 बजे से शुरू हो जाएगा। मौनी अमावस्या में नागा साधु सबसे पहले स्नान करते हैं। इनके लिए अलग से घाट भी बनाया जाता है।
यह भी पढ़े:- Days for Buying Vehicle: जानें गाड़ी खरीदने के लिए कौन सा दिन होता है शुभ
Mauni Amavasya: शिवरात्रि एवं अन्य स्नान
मौनी अमावस्या के बाद मुख्य स्नान देवी मां का पूर्णिमा स्नान और महाशिवरात्रि का स्नान होता है। 5 फरवरी को मां पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान है। यह स्नान माघ मेले का अंतिम स्नान है, इसके बाद मांग मिलन समाप्त होता है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरे