Mehandipur Balaji Temple: आस्था का ऐसा दरबार जहां डर हार जाता है, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का रहस्य जो हर किसी को चौंकाता है

Mehandipur Balaji Temple: राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। जानिए कैसे यहां भूत-प्रेत से मुक्ति और मानसिक शांति मिलती है।

Mehandipur Balaji Temple:  भारत आस्था और आध्यात्म का देश है। यहां ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपनी चमत्कारी मान्यताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इन्हीं में सबसे चर्चित नाम है राजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर। यह मंदिर भगवान हनुमान के रूप में बालाजी महाराज को समर्पित है और इसे बुरी आत्माओं, नकारात्मक शक्तियों और मानसिक बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाला प्रमुख तीर्थ माना जाता है।

यहां देश के कोने-कोने से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं, जिन्हें किसी न किसी प्रकार की परेशानी ने घेर रखा होता है। लोगों का विश्वास है कि मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में सच्चे मन से की गई अर्जी कभी खाली नहीं जाती।

भूत-प्रेत से मुक्ति का दरबार (Mehandipur Balaji Temple)

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की सबसे बड़ी पहचान है यहां की विशेष अर्जी और दरख़्वास्त प्रणाली। यहां हनुमान जी के साथ-साथ प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा के भी मंदिर हैं। मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर बुरी शक्तियों का प्रभाव होता है, वह यहां आते ही बेचैन होने लगता है और बालाजी महाराज की कृपा से धीरे-धीरे मुक्त हो जाता है।

चमत्कारों की अनसुनी कहानियां

यहां रोज़ ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं, जिन्हें देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। कोई अचेत हो जाता है, कोई ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगता है तो कोई ज़मीन पर गिरकर छटपटाने लगता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि ये प्रतिक्रियाएं बुरी शक्तियों के निकलने के संकेत होते हैं। कई लोगों ने दावा किया है कि यहां दर्शन के बाद वर्षों पुरानी मानसिक बीमारी भी ठीक हो गई।

मंदिर की अनोखी परंपराएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद वापस घर ले जाना मना है। यहां का प्रसाद मंदिर परिसर में ही ग्रहण करना होता है। ऐसा माना जाता है कि बाहर ले जाने से नकारात्मकता घर पहुंच सकती है। इसके अलावा यहां चप्पल-जूते उतारने, फोन बंद रखने और कुछ विशेष नियमों का सख़्ती से पालन कराया जाता है।

कब और कैसे जाएं?

यह मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर मंगलवार और शनिवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। हनुमान जयंती और नवरात्रि पर तो यहां तिल रखने की जगह नहीं रहती।

अगर आप मानसिक तनाव, डर, अजीब घटनाओं या किसी प्रकार की परेशानी से घिरे हैं, तो मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक ऐसी जगह है, जहां आकर लोग नई उम्मीद के साथ लौटते हैं। आस्था ही यहां की सबसे बड़ी शक्ति है।

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