Most Miraculous Temple : वैसे तो हमारे देश में कई चमत्कारी मंदिर है लेकिन बिहार में एक ऐसा मंदिर है जो कि इतना चमत्कारी है कि इसका बखान विदेश में भी किया जाता है। बिहार के सिंधु मंदिर में बकरे की बलि देने पर खून नहीं निकलता और वह पूरे तरह से स्वस्थ है। बिहार का यहां अनोखा मंदिर कैमूर में स्थित है जहां भगवानपुर प्रखंड के सरैया गांव में पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का नाम मां मुंडेश्वरी भवानी मंदिर है। यह मंदिर 1700 साल पुराना है। यहां का बलि प्रथा बिल्कुल ही अलग है।
चमत्कारी है कैमूर स्थिति में मुंडेश्वरी देवी का मंदिर ( Most Miraculous Temple)
मां मुंडेश्वरी देवी का मंदिर बिहार के कैमूर जिले में स्थित है और यह मंदिर पवर पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसे उत्तर भारत का सबसे पुराना मंदिर कहा जाता है और कहा जाता है कि यह 1700 साल से पुराना है।यहां माँ मुंडेश्वरी देवी की प्राचीन मूर्ति है।
इसे आश्चर्य एवं श्रद्धा, जो चाहे जो कह लीजिए. भक्तों की कामना पूरी होने पर बकरे की बलि दी जाती है। लेकिन यहां मैन तारक की बाली नहीं लेती है। यहां जब पंडित जी बकरे को मूर्ति के सामने लाते हैं और उसके ऊपर अक्षत फेंकते हैं तो बकरा पूरी तरह से अमृतप्राय हो जाता है और जब मंत्र पढ़ कर बकरे के ऊपर फूल फेंकते हैं तो बकरा लड़खड़ाते हुए गर्भगृह से बाहर आ जाता है।
क्या हैं मंदिर की कहानी ?
माघ पंचमी से पूर्णिमा तक इस पहाड़ी पर एक मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं। कहते हैं कि चंड-मुंड के नाश के लिए जब देवी उद्यत हुई थीं तो चंड के विनाश के बाद मुंड युद्ध करते हुए इसी पहाड़ी में छिप गया था और यहीं पर माता ने उसका वध किया था. अतएव यह मुंडेश्वरी माता के नाम से स्थानीय लोगों में जानी जाती हैं।
इस मंदिर में दर्शन करने भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी होती है।यह मंदिर 1700 साल पुराना है।
Also Read:VASTU TIPS: अपने घरों में भूलकर भी नहीं लगाएं ऐसी तस्वीरें, वरना जिंदगी में मची रहेगी उथल-पुथल
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News, Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।