
Jeen Mata Mandir: आज से नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है और नवरात्रि का त्योहार हिंदुओं के लिए बेहद मायने रखता है. भारत में कई ऐसे देवी मंदिर है जिनका काफी मान्यता है. जीण भवानी राजस्थान के सीकर में मौजूद है और जीण माता के मंदिर में नवरात्रि में काफी भीड़ लगता है. हर कोई इस मंदिर में आकर सर झुकाता है और यहां पर दिल्ली कोलकाता मुंबई सहित राजस्थान के कई जिलों से भक्त आते हैं.
माता के इस रूप को मधुमक्खियां वाली माता के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको इस मंदिर का इतिहास बताएंगे जो की बेहद ही रोचक है. जीण माता का मंदिर सीकर जिले के दातारामगढ़ तहसील के रलावता ग्राम पंचायत में अरावली पहाड़ियों के बीच में स्थित है. कहा जाता है कि यह माता काफी चमत्कारी हैं और उनके आगे मूगल बादशाह की सेवा भी नतमस्तक हो गई थी.
साधारण इंसान से देवी बन गई थी जिण भवानी(Jeen Mata Mandir)
जिण चालीसा में बताया गया है कि जीणमाता का जन्म चूरू में हुआ था और चूरू जिला मुख्यालय से लगभग 19 किलोमीटर दूर गंगू गांव में राजपूत परिवार में माता का जन्म हुआ था. माता के बचपन का नाम जिण था और उनके दो भाई हर्ष और हर कारण थे. माता को अपने भाई हर्ष से काफी लगाव था और एक बार भाई बहन के एटीट्यूड रिश्ते को देखकर हर्ष की पत्नी को जीण माता से काफी परेशानी हो गई और कहा जाता है कि उन्होंने घांघू गांव में शर्त रखी की जो भी सरोवर से पहले मटका लेकर आएगा वह देखेगी की हर्ष पहले किसका मटका उतरेगा.
हर्ष जिसका पहला मटका उतरेगा वह उससे ज्यादा स्नेह करता होगा. हर्ष की पत्नी ने झूठा कहानी बनाकर उनसे मटका उतारने की बात स्वीकार कर ली लेकिन दूसरी तरफ जीण माता को भरोसा था कि उसका भाई उससे काफी स्नेह करता है. जब ननद भाभी मटका लेकर आए तो पत्नी के सर से हर्ष ने पहले मटका उतार दिया.
भाभी के साथ के अनुसार हारने पर जीण माता अपना गांव छोड़कर सीकर आ गई और बहन को मनाने के लिए पीछे-पीछे उनका भाई भी आ गया. उसके बाद जीण माता ने भाई को पूरी सच्चाई बताई जिसे हर्ष को अपनी पत्नी की चाल की समझ में आ गई. उन्होंने तय किया कि वह कभी अपने गांव में नहीं जाएंगे और उसके बाद जिन मां दुर्गा और हर्ष नजदीक के पहाड़ी चोटी पर भैरव के उपासना में लीन हो गए और फिर दोनों यहीं पर पूजा जाने लगे. यहां पर जीण माता और हर्षनाथ का मंदिर है.
Also Read:Health News: गर्मी से पाना चाहते हैं छुटकारा तो इन चीजों को डाइट में करें शामिल, बॉडी को मिलेगी ठंडक
मधुमक्खियां के देवी के नाम से भी जानी जाती है जीण माता
जीण माता को मधुमक्खियां के देवी के नाम से भी पूजा जाता है.जब इस मंदिर को तोड़ने के लिए औरंगजेब की सी आई तो माता ने चमत्कार दिखाया और हजारों मधुमक्खियां की फौज ने सी पर हमला कर दिया. उसके बाद सेना उनसे माफी मांगी जिसके बाद मधुमक्खियां की फौज लौट गई.फिर माता की पूजा होने लगी.
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें GoogleNews , Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें.