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Mysterious Shiv Mandir: इस चमत्कारी मंदिर में शिवलिंग का तीन बार बदलता है रंग, दर्शन मात्र से कुंवारों की हो जाती है शादी

Mysterious Shiv Mandir: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। यहां कई चमत्कारी मंदिर है, जहां दर्शन करने देश-विदेश से लोग आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे जहां शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। तो आईए जानते हैं इस चमत्कारी मंदिर के बारे में...

Mysterious Shiv Mandir
Mysterious Shiv Mandir

Mysterious Shiv Mandir: भारत में लाखों ऐसे मंदिर है जिसके चमत्कार की कथा देश दुनिया में जानी जाती है. इन मंदिरों में भगवान के चमत्कार देखने को मिलते हैं. अपने अपने आसपास कई शिव मंदिर देखे होंगे और इन मंदिरों में नंदी की मूर्ति देखने को मिलती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे जिसकी रक्षा मेंढक करता है. यह अनोखा मंदिर यूपी में स्थित है और इसे मेंढक मंदिर के नाम से जाना जाता है.

उत्तर प्रदेश में स्थित है यह चमत्कारी मंदिर ( Mysterious Shiv Mandir )

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में यह मंदिर स्थित है जो की काफी प्राचीन है और प्रसिद्ध है. इस मंदिर का निर्माण मंडूक यंत्र के आधार पर किया गया था और मेंढक के द्वारा रखवाली करने की वजह से इसका नाम मेंढक मंदिर पड़ा. इस मंदिर की रखवाली की जिम्मेदारी 11वीं शताब्दी में चाहमान शासको की थी और चाहमान वंश के राजा बक्श सिंह ने इस मंदिर का निर्माण कारवाया था. इस मंदिर को तंत्र विद्या के आधार पर बनाया गया था.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव इस मंदिर में एक बरसाती मेंढक के पीठ पर विराजमान है और इस दौरान मेंढक उनकी रखवाली कर रहा है. यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जिसमें मेंढक भगवान शिव की रखवाली करता है और कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव के इस मंदिर में आराधना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. दीपावली के अवसर पर इस मंदिर में विशेष पूजा की जाती है.

दिन में 3 बार रंग बदलता है शिवलिंग

इस मंदिर को लेकर एक और बात कही जाती है कि इसमें स्थापित शिवलिंग दिन में कई बार रंग बदलता है और इसमें स्थित शिवलिंग का नाम नर्मदेश्वर महादेव है. आपको बता दे इस मंदिर को बनाने में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है और मंदिर में नंदी भगवान की मूर्ति खड़ी अवस्था में स्थापित की गई है. तंत्र शास्त्र के अनुसार मंदिर निर्माण किए गए मंदिर का छात्र इसी पर आधारित है और सूर्य की रोशनी के पहले यह छात्र घूमता था हालांकि अब यह छात्र सही रख रखा हो नहीं होने की वजह से खराब हो चुका है.

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