Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से संतान सुख, पारिवारिक शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 का महत्व (Paush Putrada Ekadashi 2025)
Paush Putrada Ekadashi 2025 उन दंपत्तियों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है जो संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं।धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन किया गया व्रत और दान व्यक्ति के जीवन पर लंबे समय तक प्रभाव डालता है।इसी कारण इस दिन कुछ कार्यों और दान से बचने की सलाह दी जाती है।
इन चीजों का दान न करें
- काले तिल और काले वस्त्र – एकादशी के दिन इनका दान करने से नकारात्मक ग्रह प्रभाव बढ़ सकता है।
- चमड़े से बनी वस्तुएं – इस दिन चमड़े से जुड़ी वस्तुओं का दान अशुभ माना गया है।
- नमक – नमक का दान पारिवारिक तनाव और धन हानि का कारण बन सकता है।
- नकारात्मक व्यवहार – क्रोध, झूठ और कटु वचन भी इस दिन वर्जित माने गए हैं।
शुभ फल पाने के उपाय
इस दिन पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें।जरूरतमंदों को फल, अन्न या पीले वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
2026 में क्यों पड़ सकता है प्रभाव?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन किए गए गलत कर्मों का प्रभाव आने वाले वर्षों तक बना रह सकता है।इसलिए पौष पुत्रदा एकादशी पर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
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