Shradh Paksha 2024: पितृपक्ष है पितरों का आर्शीवाद पाने का महापर्व, जानिए इससे जुड़े तीन पवित्र स्थानों का महत्व

Shradh Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितरों को बहुत मान सम्मान देने का पर्व पितृपक्ष शुरू हो चुका है। देशभर में कई स्थानों पर श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, पर बद्रीनाथ धाम,  नारायणी शिला मंदिर और गया का इसमें क्या महत्व, जानिए।

Shradh Paksha 2024: हिंदु धर्म का महापर्व है या पितृपक्ष। इन दिनों लोग अपने पितरों की महिमा करते हैं, उन्हें पूजते हैं। उनके मोक्ष की कामना के लिए कर्मकांड किया जाता है। मान्यता के मुताबिक श्राद्ध पक्ष में 15 दिनों तक पितर यमलोक से आकर पृथ्वीलोक पर निवास करते हैं।

पुराणों में कहा गया है कि जब सूर्य कन्या राशि में आता  है, तब श्राद्ध पक्ष शुरू होते हैं। इस ग्रह योग में पितृलोक पृथ्वी के सबसे करीब होता है, यह ग्रह योग आश्विन कृष्ण पक्ष में बनता है। इसीलिए पृथ्वी के सबसे निकट होने के कारण पितृ हमारे घर पहुंच जाते हैं।

दिवंगत आत्माओं को भोजन पानी

 देशभर में कई स्थानों पर श्राद्धकर्म किए जाते हैं पर पितृपक्ष के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम,  नारायणी शिला, गयाजी आते हैं और अपने पितरों के मोक्ष की कामना करते हुए अपने तीर्थ पुरोहितों से विशेष पूजा अर्चना करते हैं।

शास्त्रों में वर्णन है कि बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु का शीश स्थित है जबकि हरिद्वार के नारायणी शिला में धड़ और गया तीर्थ में भगवान के चरण स्थापित है, इसलिए इन तीन स्थानों पर श्राद्धकर्म, पिंड दान और तर्पण करने का खास महत्व है। मान्यता है कि यहां श्राद्धकर्म से दिवंगत आत्माओं को भोजन और पानी भी मिलता है।

यह भी पढ़ें- पितृ पक्ष में दिखे ऐसे सपने तो समझिए संवरने वाली है किस्मत, पूर्वजों की कृपा से होगी दिन-रात तरक्कीपितृ पक्ष में दिखे ऐसे सपने तो समझिए संवरने वाली है किस्मत, पूर्वजों की कृपा से होगी दिन-रात तरक्की

रूष्ठ पितरों को मानने हेतु

श्राद्ध पक्ष में लोग अपने देव तुल्य पितरों को  पूजते हैं। कहा जाता है कि जो इस पक्ष में पितरों को भूल जाता है या फिर उनके अंतिम कर्म विधि विधान से पूरे नहीं करता उससे उनके पितर रुष्ठ हो जाते हैं। ऐसे रूष्ठ पितरों को मानने के लिए धरती पर तीन स्थान बताए गए हैं। पहला बदरीनाथ धाम, दूसरा हरिद्वार में नारायणी शिला और तीसरा गया जी। कहते हैं इन तीनों स्थानों पर श्राद्ध करने और पिंड दान करने से पूर्वजों को शांति मिलती है।

यह भी देखें-

तमाम खबरों के लिए हमें Facebookपर लाइक करें Google News , Twitterऔर YouTubeपर फॉलो करें।Vidhan Newsपर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।

- Advertisement -

Related articles

Share article

- Advertisement -

Latest articles