Ram Dhawaj: हिंदू धर्म में घर पर झंडा फहराने की परंपरा पुरानी है। किसी भी शुभ या मांगलिक कार्यक्रम के दौरान या कई हिंदू त्योहारों के दौरान घर पर झंडा फहराया जाता है। लेकिन इसे सिर्फ घर की छत पर लगाना ही काफी नहीं है। दरअसल, वास्तु शास्त्र में कई सख्त नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद या केसरिया ध्वज फहराने के कई नियम हैं। वहीं हर देवी-देवता का एक अलग ध्वज भी होता है।
Ram Dhawaj: झंडे कितने प्रकार के होते हैं
आपको बता दें कि घर की छत पर फहराए जाने वाले झंडे और युद्ध में फहराए जाने वाले झंडे में बहुत अंतर होता है। युद्ध के मैदान में अवसर के अनुसार 8 प्रकार के झंडों का प्रयोग किया जाता है। वहीं, बड़ा झंडा क्रांतिकारी युद्ध और छोटा झंडा भयानक नरसंहार का सूचक होता है। आपको बता दें कि महाभारत में हर योद्धा का अपना अलग ध्वज होता था।
घर की छत पर लगाए जाने वाले झंडे का रंग कैसा होना चाहिए?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार घर की छत पर तीन रंगों में से किसी एक रंग का झंडा लगाया जाता है। भगवा, केसरिया और पीला। घर की छत पर इन तीन रंगों में से किसी एक रंग का झंडा लगाना शुभ माना जाता है।
झंडा लगाने की सही दिशा
वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि घर पर झंडा लगाते समय व्यक्ति को कई नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। घर के वायव्य कोण में झंडा लगाएं। यह दिशा झंडे के लिए शुभ मानी जाती है। इसके साथ ही अगर आपके घर की दिशा अलग है तो आप किसी वास्तुशास्त्री से पूछकर इसे सही दिशा में रख सकते हैं।
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वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि अगर घर की छत पर झंडा लगाया जाए तो इससे यश, कीर्ति और विजय मिलती है। ध्वज या पताका लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक और शोक नष्ट हो जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
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