Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होनी है। मंदिर के गर्भ ग्रह में रामलाल कुंवारे ही विराजेगे। मगर भगवान राम की ससुराल सीतामढ़ी से 7 ट्रक भर के भेंटे भेजी जा रही हैं। मिथिला की परंपरा को निभाते माता सीता के गृह प्रवेश के लिए मायके से भेंट भेजी जा रही है। भगवान श्री राम के ससुराल सीतामढ़ी से अयोध्या के लिए 7000 भार और 101 छोटी बड़ी गाड़ियों और सात ट्रकों के साथ 500 लोगों की टोली रवाना होगी। मगर सवाल यह है कि राम मंदिर में गर्ग ग्रह के अंदर केवल भगवान राम बाल रूप में ही स्थापित किए जाएंगे। ऐसे में माता सीता का गृह प्रवेश किस प्रकार किया जाएगा। इसको लेकर कई बड़े महंत भी सवाल उठा चुके हैं कि राजाराम माता सीता के बिना कैसे गर्भ गृह में विराजमान होंगे।
श्री राम के ससुराल से आयेंगे 500 लोग
बिहार में सीतामढ़ी जिले का पुनौरा धाम मां जानकी की प्राकट्य स्थली है। यहां से प्रभु श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या धाम के लिए सनेश भार समर्पण यात्रा निकलेगी। यह यात्रा 13 जनवरी की सुबह 10 बजे से महंत कौशल किशोर दास के नेतृत्व में प्रस्थान करेगी। इसमें 7000 भार और 101 छोटी बड़ी गाड़ियों और सात ट्रकों के साथ अयोध्या के लिए 500 लोगों की टोली रवाना होगी।
मंदिर कमेटी ने ससुराल भेजा था न्योता
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए सीता मां के मायके में मंदिर की कमेटी की ओर से नेट भेजा गया था। मायके पक्ष ने न्योता को स्वीकार करते हुए अपने पाहुन भगवान राम के लिए 7000 भार सात ट्रकों पर रखकर, 100 छोटी गाड़ियां, दो भजन ट्रॉली के साथ जय सियाराम के घोष करते हुए अयोध्या धाम जाएंगे।
ससुराल से आ रहे चांदी के बर्तन, रजाई
प्रभु श्री राम के राम मंदिर के गर्भ गृह में गृह प्रवेश के लिए माता सीता की जन्म भूमि से जेवरात, चांदी के बर्तन भेजे जा रहे हैं। वहीं पूरे परिवार के लिए बर्तन सीता रसोई के नाम से भी जा रहा है। प्रभु श्री राम जाड़े के मौसम में गृह प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए रजाई तोशक, चादर, तकिया भेजे जा रहे हैं। जय श्री राम के नारे लगाकर लोग माथे पर स्नेह से सनेश भार रखकर यहां पहुंच रहे हैं।
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सीता माता का नहीं होगा ग्रह प्रवेश
अयोध्या में राम मंदिर के गर्भ ग्रह में केवल भगवान राम बाल रूप में विराजमान होंगे। गर्भ ग्रह के अंदर माता सीता को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। या घोषणा राम मंदिर के सेवा कमेटी ने खुद की है। सेवा समिति के लोगों का कहना है कि मंदिर में भगवान राम छोटे लाल के रूप में कुंवारे ही बैठेंगे। अभी उनका विवाह नहीं हुआ है इसलिए माता-पिता उनके साथ गर्भ ग्रह में प्रवेश नहीं ले पाएंगी। सेवा समिति का यह भी कहना है कि दुनिया का पहला राम मंदिर होगा जहां केवल भगवान राम बिना माता सीता के ही दर्शन देंगे।
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