Rath Yatra 2025: आज 27 जून को रथ यात्रा का त्यौहार मनाया जा रहा है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है। हजारों सालों से यह परंपरा चली आ रही है। रथ यात्रा के दिन उड़ीसा में भव्य पूजा होती है और भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उड़ीसा के साथ रांची अहमदाबाद कोलकाता जैसे शहरों में मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में करोड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं।
इस दिन एक बेहद अद्भुत संयोग देखने को मिलता है। रथ यात्रा के दिन हर साल झमाझम बारिश होती है। यह बस एक संयोग नहीं है बल्कि आस्था और खगोल विज्ञान से जुड़ा एक विशेष घटना है।
रथ यात्रा के दिन क्यों होती है झमाझम बारिश? (Rath Yatra 2025)
धार्मिक दृष्टिकोण की माने तो जब भगवान जगन्नाथ भ्रमण पर निकलते हैं तो प्रकृति खुद उनका स्वागत करती है। इंद्रदेव आसमान से जल बरसा कर भगवान का अभिषेक करते हैं। इस वर्ष को दिव्या स्नान का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बारिश होने से वातावरण पवित्र हो जाता है।
बारिश होने का ज्योतिष कारण
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार रथ यात्रा का आयोजन आषाढ़ मास में होता है और इस दौरान मानसून सक्रिय रहता है। इस अवधि में सूर्य मिथुन राशि में और चंद्रमा जल तत्व वाली राशियों में स्थित होते हैं यही वजह है की बारिश होती है।
सोने के झाड़ू से होती है सफाई
भगवान का रथ यात्रा निकालने से पहले सोने के झाड़ू से रास्ते की सफाई की जाती है। भगवान जिस जिस मार्ग पर जाते हैं उसे मार्ग की सफाई सोने के झाड़ू से ही किया जाता है। लोगों का मानना है कि भगवान जिस रास्ते पर पधारे वह मार्ग पवित्र और सम्मानीय होना चाहिए। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बेहद पवित्र मानी जाती है। लोग बड़ी संख्या में रथ यात्रा में शामिल होते हैं। रथ यात्रा के दौरान भगवान का रथ खींचने लोगों के लिए पुण्य का काम माना जाता है।
Also Read:Rath Yatra 2025: कौन है भगवान जगन्नाथ की मौसी? हर साल क्यों अपनी मौसी से मिलने जाते हैं भगवान
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News, Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।