Sawan 2024: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। सावन में शिव परिवार की पूजा की जाती है और सावन में सोमवार को व्रत भी रखा जाता है। इस दौरान व्रत करने से पुण्य प्रताप की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। सावन में अगर आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप को शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
सावन में जरूर करें शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ (Sawan 2024)
श्रीशिवरक्षास्तोत्रम्
अस्य श्रीशिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः॥
श्री सदाशिवो देवता॥ अनुष्टुप् छन्दः॥
श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः॥
॥ स्तोत्र पाठ ॥
चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम्।
अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्य साधनम्॥
गौरीविनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम्।
शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षां पठेन्नरः॥
गंगाधरः शिरः पातु भालं अर्धेन्दुशेखरः।
नयने मदनध्वंसी कर्णो सर्पविभूषण॥
घ्राणं पातु पुरारातिः मुखं पातु जगत्पतिः।
जिह्वां वागीश्वरः पातु कंधरां शितिकंधरः॥
श्रीकण्ठः पातु मे कण्ठं स्कन्धौ विश्वधुरन्धरः।
भुजौ भूभारसंहर्ता करौ पातु पिनाकधृक्॥
हृदयं शंकरः पातु जठरं गिरिजापतिः।
नाभिं मृत्युञ्जयः पातु कटी व्याघ्राजिनाम्बरः॥
सक्थिनी पातु दीनार्तशरणागतवत्सलः।
उरू महेश्वरः पातु जानुनी जगदीश्वरः॥
जङ्घे पातु जगत्कर्ता गुल्फौ पातु गणाधिपः।
चरणौ करुणासिंधुः सर्वाङ्गानि सदाशिवः॥
एतां शिवबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत्।
स भुक्त्वा सकलान्कामान् शिवसायुज्यमाप्नुयात्॥
ग्रहभूतपिशाचाद्यास्त्रैलोक्ये विचरन्ति ये।
दूरादाशु पलायन्ते शिवनामाभिरक्षणात्॥
अभयङ्करनामेदं कवचं पार्वतीपतेः।
भक्त्या बिभर्ति यः कण्ठे तस्य वश्यं जगत्त्रयम्॥
इमां नारायणः स्वप्ने शिवरक्षां यथाऽऽदिशत्।
प्रातरुत्थाय योगीन्द्रो याज्ञवल्क्यः तथाऽलिखत॥
रक्षास्तोत्र के लाभ (Sawan 2024)
धर्मशास्त्र के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती भूलोक पर वास करते हैं और इस अवसर पर शिव परिवार की विधि विधान से पूजा करना चाहिए।शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से परिवार की सारी विविधता दूर हो जाती है और जिंदगी में आने वाले संकट टल जाते हैं।
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