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Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi: छठा मंगला गौरी व्रत आज, जानें संपूर्ण पूजा विधि और महत्व

Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi: आज सातवां मंगला गौरी व्रत है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और माता से अपने पति व पुत्र की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

Mangla Gauri Vrat Katha: इन दिनों सावन का महीना चल रहा है और आज श्रावण (अधिक मास), कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि है। दरअसल इस साल अधिक मास लगने के कारण सावन लगभग दो महीनों का है। इसी कड़ी में आज सावन महीने का सातवां मंगलवार है। सावन महीन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi) रखने की मान्यता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

तो आइए आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से जानते हैं मंगला गौरी व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में…

Mangla Gauri Vrat
Mangla Gauri Vrat

मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat)

  • मंगला गौरी व्रत के दिन विधि-विधान के साथ मां गौरी की पूजा करने से अखण्ड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन में अथाह प्रेम बना रहता है। इससे दांपत्य जीवन के कलह-कष्ट और अन्य सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
  • संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली स्त्रियों के लिए भी यह व्रत बहुत शुभ फलदायी सिद्ध होता है। यदि किसी व्यक्ति के दांपत्य जीवन में समस्या है, तो उन्हें मंगला गौरी व्रत जरुर करना चाहिए।
  • कुमारी लड़कियां इस दिन सुयोग्य और मनपसंद वर की कामना के लिए व्रत रखती हैं। मंगला गौरी व्रत करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और अखंड सौभाग्य का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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इस साल सावन के अधिक मास (18 जुलाई 2023 मंगलवार से शुरू होकर 16 अगस्त 2023 बुधवार को समाप्त होगा) की वजह से कुल नौ मंगला गौरी व्रत हो रहे हैं, जिनमें से पांच व्रत बीत चुके हैं। आज 8 अगस्त को छठा मंगला गौरी व्रत है।

मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi):

  1. मंगला गौरी व्रत वाले दिन प्रातः को जल्दी उठकर स्नान, वस्त्र धारण करें। फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  2. मां मंगला गौरी के समक्ष व्रत का संकल्प करें और आटे से बना हुआ दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद धूप, नैवेद्य, फल-फूल आदि से मां मंगला गौरी की पूजा करें।
  3. पूजा करते समय ध्यान रखें कि सबसे पहले आप गणेश भगवान की पूजा करें। इसके अलावा मंगला गौरी बनाकर उन्हें जल, दूध, दही आदि से स्नान करवाकर वस्त्र पहनाकर रोली, चंदन, सिन्दूर, मेहंदी और काजल लगाएं।
  4. साथ ही सोलह तरह के फूल पत्ते माला चढ़ाकर और मेवा, सुपारी, लौंग, मेहंदी, शीशा, कंघी और चूड़ियां चढ़ाकर विधिवत पूजा करें।
  5. पूजा पूर्ण होने पर मां गौरी की आरती करें और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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