Sawan Somwar Dates 2023: शिव जी का महीना सावन शुरू, 19 साल बाद बने ये अद्भूत संयोग

Sawan Somwar Dates 2023: आज से शिव जी का प्रिय महीना सावन शुरू हो गया है। इस बार सावन दो महीने का होगा और इसमें 4 की जगह 8 सोमवार होंगे। इस अद्भूत संयोग पर पूजा की विधि के साथ बताएंगे कि इनकी तिथियां भी, चलिए जानते हैं

Sawan Somwar Dates 2023: आज से भोले नाथ का प्रिय महीना सावन शुरू हो गया है। सावन में इस बार 19 साल बाद अद्भूत संयोग बन रहा है, इस बार 4 की जगह 8 सोमवार के व्रत होंगे। हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सावन के महीने को सबसे उत्तम माना जाता है।

इस पूरे माह में शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है, बड़ी बात ये है कि इस बार एक नहीं दो महीनों का सावन है। ये अद्भुद योग करीब 19 साल बाद बन रहा है। हिंदी विक्रम संवत 2080 में इस साल एक अधिकमास पड़ रहा है। 3 ऐसे में इस साल 12 महीने की बजाय कुल 13 महीने इसी वजह से हो रहे हैं। सावन का महीना 30 दिनों का ना होकर 59 दिन का होगा।

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इस दिन सावन 2023 का होगा समापन

इस बार सावन महीने की शुरुआत आज 4 जुलाई 2023 से हो रही है और 31 अगस्त 2023 को इसका समापन होगा।

Sawan Somwar Dates 2023: इसलिए बन रहा अद्भुत संयोग

दरअसल वैदिक पंचांग की गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है। चंद्र मास 354 दिनों का होता है। वहीं सौर मास 365 दिन का। 6 दोनों में करीब 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। ऐसे में इस बार सावन दो महीने तक रहने वाला है।

Sawan Somwar Dates 2023: 7 सावन सोमवार की तिथियां

  • सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
  • सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
  • सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
  • सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
  • सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
  • सावन का छठा सोमवार: 14 अगस्त
  • सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
  • सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त

सावन सोमवार पूजा विधि जानें

  • सावन सोमवार के दिन सुबह स्नान उठकर भोले का नाम लें।
  • फिर दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प लें।
  • और सभी देवताओं पर गंगा जल चढ़ाएं।
  • इसके बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें।
  • फूल, फल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव को खुश करें।
  • सोमवार के व्रत की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए और अंत में आरती करनी चाहिए।

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