Sawan Somwar Vrat 2023: आज श्रावण (अधिक मास) कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी और सावन मास का छठा सोमवार है। सावन के हर सोमवार पर भी भोले भंडारी के भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। सुबह से शिव मंदिरों में महादेव के भक्तों की भीड़ लगी है और लोग अपने अपने तरीके से अपने आराध्य की आराधना में जुटे हैं। आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से विस्तार से जानते हैं सावन के सोमवार के बारे में…
हिंदू धर्म शास्त्रों में सावन मास को सर्वोत्तम मास बताया गया है, इसके साथ ही इस साल का सावन खास है। क्यों इस साल सावन मास में अधिक मास यानी पुरुषोत्तम मास पड़ा है। अधिक मास के कारण इस साल सावन का महीना 58 दिनों का है। जो 3 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को समाप्त होगा। अधिक मास के कारण सावन में आठ सोमवार पड़ रहा है जिसके कारण सोमवार व्रत की संख्या भी बढ़कर आठ हो गई है।
सावन सोमवार 2023 तिथि
पहला सावन सोमवार- 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार- 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार- 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार- 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार- 7 अगस्त
सावन का छठा सोमवार- 14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार- 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार- 28 अगस्त
गौरतलब है कि सावन मास में कई व्रत आते हैं लेकिन सावन सोमवार व्रत का खास महात्म्य है। मान्यता के मुताबिक अगर कोई भी सच्चे मन से सावन के सोमवार को भोले भंडारी का आराधना कर ले तो उनपर शिव जी की कृपा बनी रहती है और जातक को धर्म अर्थ भोग काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू सनातन धर्म में सावन के सोमवार के व्रत बहुत चमत्कारिक बताया गया है। इनको सच्चे मन से पूरा करने से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार के सावन में कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। गज केसरी योग बुध, शुक्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, सूर्य और बुध की युती से बुधादित्य जैसे राज योग बन रहे हैं। ऐसे में सावन के पहला सोमवार कई मायनों में लाभदायक होनेवाला है।
सोमवार का दिन चंद्र देव का भी है, भगवान शिव की पूजा और उपवास करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। शिव पुराण के मुताबिक, सावन सोमवार का व्रत करने से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती और भगवान शिव हर कष्ट को दूर करते हैं।
शिव पुराण के मुताबिक मनोकामना पूर्ति और अच्छे वर या वधु के लिए सोलह सोमवार का व्रत करना फलदायी होता है। सोलह सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। साथ ही कुंडली में मौजूद सभी ग्रह नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव भी खत्म होता है।
सावन सोमवार भगवान शिव पूजा सामग्री
अगर आप सावन के सोमवार का व्रत रख रहे हैं जो भोलेनाथ की प्रिय चीजों को चढ़ाना न भूलें। पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somwar Vrat 2023)
- प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर या फिर शिव मंदिर में जाकर दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को पुष्प और बेल पत्र अर्पित करें।
- सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें। शिव चालीसा, शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। शिव मंत्रों का जाप करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- जरुरतमंदों को वस्त्र, अनाज, तिल, गुड़, चांदी, रुद्राक्ष आदि का दान करें.
- सावन के पहले सोमवार के दिन सफेद रंग की चीजों का दान करना शुभ होता है। इससे देवाधि देव महादेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
आपका दिन शुभ और मंगलमय हो
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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