Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा होती है। भक्त अपने घर में कलश स्थापना भी करते हैं। कलश स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है। घर में कलश स्थापित करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों की हर मुराद पूरी करती है।
इस साल 22 सितंबर से नवरात्रि की शुरुआत होगी।2 अक्टूबर तक नवरात्रि का त्योहार रहेगा ऐसे में पूजन विधि का पालन करना अति आवश्यक है। तो आईए जानते हैं कलश स्थापना से जुड़ा नियम…
कलश स्थापना से जुड़ा नियम (Shardiya Navratri 2025)
1. अशुद्ध स्थान पर कलश स्थापना: पूजा स्थल को पूरी तरह साफ और शुद्ध करना आवश्यक है।गंदे या अव्यवस्थित स्थान पर कलश स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है।
2. दिशा का सही चयन न करना: कलश को हमेशा पूर्व दिशा या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। गलत दिशा में कलश रखने से पूजा का लाभ नहीं मिलता।
3. अशुद्ध जल का उपयोग: कलश में गंगाजल या शुद्ध पानी का ही उपयोग करें। अशुद्ध या दूषित पानी का उपयोग पूजा में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
4. कलश पर गलत वस्त्र का उपयोग: कलश पर लाल, पीला या सफेद वस्त्र बांधना शुभ माना जाता है। काले या गहरे रंग के वस्त्र का उपयोग न करें, यह अशुभ माना जाता है।
5. पूजा सामग्री अधूरी रखना: कलश के साथ नारियल, सुपारी, अक्षत, हल्दी, पंच पल्लव, और सिक्के रखना अनिवार्य है।पूजा की सामग्री में कोई कमी न रखें।
6. शुभ मुहूर्त का पालन न करना: कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें।बिना मुहूर्त या किसी ज्योतिषीय सलाह के कलश स्थापित करना अशुभ हो सकता है।
7. मन की अशुद्धता: पूजा करते समय मन को शांत और पवित्र रखें। क्रोध, ईर्ष्या, और नकारात्मकता से बचें, क्योंकि यह पूजा के प्रभाव को कम कर सकता है।
8. पूजा स्थल पर अव्यवस्था: पूजा स्थल को साफ और व्यवस्थित रखें। वहां न तो कोई गंदगी हो और न ही पूजा सामग्री बिखरी हो।
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